बिहार कांग्रेस में हो सकती है बड़ी टूट, अशोक चौधरी के बाद इन विधायकों ने दिये संकेत
अशोक चौधरी सहित चार विधान पार्षद द्वारा कांग्रेस छोड़ने के बाद कई विधायक भी पार्टी छोड़ सकते हैं। कुछ विधायकों ने इस बाबत संकेत दिये हैं।
पटना [जेएनएन]। बिहार की सियासत में दल बदलने का दौर जारी है। एक ओर जहां जीतनराम मांझी एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए, वहीं अशोक चौधरी चार विधान पार्षदों के साथ जदयू में। इस बीच राजनीतिक हालात ये बयां कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में बिहार कांग्रेस में बड़ी टूट हो सकती है। कांग्रेस के कई नाराज विधायकों ने इस बाबत संकेत दिये हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कद्दावर नेता स्व. राजो सिंह के पौत्र व बरबीघा के कांग्रेस विधायक सुदर्शन अशोक चौधरी के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी मेरे बड़े भाई हैं। पार्टी ने उन्हें ठेस पहुंचाया है। वे जहां भी रहेंगे मैं उनके साथ हूं। भभुआ उपचुनाव सीट का जब बंटवारा हुआ तो अशोक चौधरी से राय नहीं मांगी गई। उन्हें दरकिनार रखा गया। कई सारी और एेसी ही बातें थी, जिसकी वजह से वे पार्टी से अलग हो गए। उनके अलग होने से कांग्रेस कमजोर पड़ जाएगी। जदयू में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो समय बताएगा।
वहीं, बक्सर के कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी ने कहा कि जब पार्टी नेतृत्व बिहार में अशोक चौधरी जैसे व्यक्तित्व को नहीं संभाल सकी तो हम जैसे कार्यकर्ताओं का क्या होगा। जिस तरह से अशोक चौधरी को पार्टी ने हासिये पर लाकर हटाया है, उससे पूरे बिहार में हमारी पार्टी नीचले पायदान पर चली जायगी। मैं नैतिकता के आधार पर अशोक चौधरी के साथ हूं।
ज्ञात हो कि पिछले वर्ष सितंबर माह में भी यह चर्चा तेज हुई थी कि बिहार कांग्रेस के 27 विधायकों में से 14 पाला बदलकर सत्तारूढ़ जदयू के पाले में जा सकते हैं। इन विधायकों ने अपना एक धड़ा बना लिया है। उस समय कांग्रेस आलाकमान ने बिहार कांग्रेस के तत्कालिन अध्यक्ष अशोक चौधरी और कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह को दिल्ली बुलाया गया था। मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बदलते घटनाक्रम पर नाराजगी जाहिर करते हुए इन नेताओं से पार्टी में बगावत को थामने के लिए कहा था। इसके पीछे की वजह यह थी कि महागठबंधन टूटने के बाद कई विधायक राजद के साथ असहज महसूस कर रहे थे। कांग्रेस को समर्थन देने वाले सवर्ण जातियों के एक तबके में पार्टी के प्रति नाराजगी के सुर उभरे थे। एक बार फिर कांग्रेस में वही बगावत के सुर उभर रहे हैं।
बता दें कि होली के ठीक पहले बिहार कांग्रेस में बड़ी टूट हुई। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी समेत कांग्रेस के चार विधान पार्षदों (एमएलसी) दिलीप चौधरी, रामचंद्र भारती और तनवीर अख्तर ने पार्टी को अलविदा कह जदयू का दामन थाम लिया।