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खुद MLA रहते पत्नी को बनाया था MLC, जानिए राजू सिंह का सियासी रसूख

नये साल की पार्टी में गोली लगने से एक महिला की हुई मौत का आरोप जदयू के पूर्व विधायक राजू सिंह पर लगा है और उन्होंने कहा है कि मुझे अफसोस नहीं। उनपर पहले भी आपराधिक आरोप लगे हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 07:02 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 09:42 AM (IST)
खुद MLA रहते पत्नी को बनाया था MLC, जानिए राजू सिंह का सियासी रसूख
खुद MLA रहते पत्नी को बनाया था MLC, जानिए राजू सिंह का सियासी रसूख

पटना [जेएनएन]। पहली जनवरी को न्यू ईयर पार्टी मनाने के दौरान दिल्ली के एक फार्म हाउस में महिला की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किये गए जेडीयू के पूर्व विधायक राजू सिंह को सात दिन की रिमांड पर लिया है। इसके साथ ही पुलिस ने राजू की पत्नी ने रेणू सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है। रेणू पर महिला की हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने का आरोप लगा है।

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व्यवसायी से उद्योगपति और फिर राजनीति में कदम जमाने वाले राजू सिंह की गोली से न्यू ईयर पार्टी के दौरान एक महिला अर्चना गुप्ता की मौत हो गई। महिला के पति का आरोप है कि राजू ने अपने फार्म हाउस पर आयोजित पार्टी में नशे में धुत्त होकर पिस्टल से फायरिंग की और इसी दौरान ये घटना हुई। वहीं, राजू सिंह ने बड़ी ही बेशर्मी से कहा कि 'मुझे कोई पछतावा नहीं है।' 

बता दें कि गिरफ्तार किए गए पूर्व विधायक राजू सिंह मुजफ्फरपुर के पारू प्रखंड के बड़ा दाउद गांव के रहने वाले हैं और उनकी गिनती बिहार के रसूखदार सियासतदार के साथ ही उद्योग और व्यवसाय जगत के बड़े लोगों में की जाती है।

उनके पिता उदय प्रताप सिंह पारू प्रखंड के आनंदपुर खरौनी पंचायत के कई बार मुखिया रहे हैं। परिवार का दवाओं का कारोबार नोएडा, अहमदाबाद समेत कई बड़े शहरों फैला है। इसके अलावा रूस और अमेरिका में भी उनकी दवाओं का कारोबार होता है। बताया जाता है कि सोवियत संघ के विघटन और आर्थिक मंदी के समय राजू सिंह के परिवार ने दवा के कारोबार को सोवियत संघ तक लेकर गए और फिर करोड़ों का दवाओं का साम्राज्य विकसित किया।

राजू फिलहाल जदयू के निवर्तमान विधायक हैं। वो राजनीति में लोजपा के बाद जेदयू में आए और फिलहाल बीजेपी के साथ हैं। 

राजू सिंह ने 2005 में राजनीति में एंट्री ली थी और वे पहली बार लोजपा की टिकट पर साहेबगंज से विधायक चुने गए थे। उसके बाद फिर 2005 में ही हुए अक्टूबर माह के चुनाव में पार्टी बदलकर जदयू के टिकट पर साहेबगंज से विधायक चुने गए थे। फिर साल 2010 में यहीं से दोबारा विधायक बने। इस तरह चार बार वे विधायक चुने गए।

इसके बाद राजू कुमार सिंह ने 2015 में जदयू को छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। राजू सिंह साल 2009 में अपनी पत्नी रेणु सिंह को निर्दलीय चुनाव लड़ाकर एमएलसी बनाने में सफल रहे थे। 

राजू कुमार सिंह इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है। उन्होंने 1984 में मैट्रिक पास इसके बाद 1996 में महाराष्ट्र से बी-टेक की पढ़ाई पूरी की। बाद में एम-टेक करने के बाद महाराष्ट्र से ही पीएचडी की डिग्री हासिल की।

सुर्खियों में रहा राजू सिंह कई मामले दर्ज

साहेबगंज का पूर्व विधायक राजू कुमार सिंह लगातार सुर्खियों में रहा है। विधायक निर्वाचित होने के कुछ ही दिनों बाद देवरिया थाने के पुरानी बाजार में रामेश्वर पासवान के साथ अभद्र व्यवहार करने को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। पूर्व कृषि मंत्री सह वर्तमान विधायक रामविचार राय ने देवरिया बाजार को बंद कराकर विरोध जताया था।

पूर्व विधायक राजू सिंह के खिलाफ 2015 के चुनाव के समय 5 अपराधिक मामले दर्ज थे, जिसमें धमकी देने, मारपीट करने जान से मारने का प्रयास और आर्म्स एक्ट से जुड़ी कई संगीन धाराओं में उनके खिलाफ मामले दर्ज हैं।

हाल ही के दिनों में अमर भगत हत्याकांड में भी उनका नाम उछाला गया था, लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला। राजू सिंह हमेशा नक्सलियों और माओवादियों से खुद को खतरा बताते रहे हैं। यही कारण रहा कि उन्हें प्रशासन ने विशेष सुरक्षा भी मुहैया कराई थी।


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