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डीएम की जांच में एसके पुरी थाना फेल, शास्त्रीनगर अव्वल

राजधानी पटना के थानों की मनमानी पर रोक लगाने और घटना की सूचना पर पुलिसकर्मियों सक्रियता जांचने को डीएम ने लिया टेस्ट।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 01:00 PM (IST)
डीएम की जांच में एसके पुरी थाना फेल, शास्त्रीनगर अव्वल

पटना । राजधानी पटना के थानों की मनमानी पर रोक लगाने और घटना की सूचना पर पुलिसकर्मियों की सक्रियता जांचने के लिए सोमवार की रात जिलाधिकारी कुमार रवि ने दस थानों का टेस्ट लिया। इसमें एसके पुरी थाना फेल हो गया, जबकि शास्त्रीनगर थाने का प्रदर्शन अव्वल रहा। यह जांच मुख्य सचिव दीपक प्रसाद एवं पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी के संयुक्त आदेश के आलोक में कराई गई थी। मंगलवार को थानों की जांच रिपोर्ट सौंप दी गई। मुख्यालय के स्तर से बड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।

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जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के आदेश पर जिलों के थानों की सक्रियता की जांच करने के लिए दस टीमें बनाई गई थीं। पारदर्शिता बरतने के लिए प्रत्येक टीम में एक पुलिस पदाधिकारी और एक मजिस्ट्रेट को शामिल किया गया था। दस थानों का चयन किया गया, जिसमें कंकड़बाग, शास्त्रीनगर, गांधी मैदान, राजीव नगर, रामकृष्ण नगर, अगमकुआं, हवाई अड्डा, पाटलिपुत्र, एसके पुरी और पत्रकार नगर शामिल हैं। आधी रात के बाद हर टीम एक-एक थाना क्षेत्र में चली गई। वहां से मजिस्ट्रेट फरियादी बनकर कंट्रोल रूम (100) पर कॉल करके घटना की सूचना दे रहे थे। डीएम के मुताबिक एसके पुरी थाने का प्रदर्शन काफी खराब रहा। वहीं, शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। हवाई अड्डा थाना भी सक्रिय नजर आया। इस संबंध में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को रिपोर्ट सौंप दी गई है।

घंटेभर बाद पहुंची एसके पुरी थाने की पुलिस

डीएम के मुताबिक आधी रात के बाद मजिस्ट्रेट ने 100 नंबर पर कॉल करके सूचना दी कि बो¨रग रोड में युवती से छेड़खानी की घटना हुई है। मारपीट और हंगामा हो रहा है। मजिस्ट्रेट और पुलिस अफसर बताए गए घटनास्थल पर इंतजार करते रहे, लेकिन थाना पुलिस घंटेभर बाद पहुंची। मौके पर आए पुलिसकर्मी का व्यवहार और रवैया भी संतोषजनक नहीं मिला। ठीक इसी तरह राजा बाजार में एक जगह शराब की अनलोडिंग और हंगामा होने की सूचना शास्त्री नगर थाने की पुलिस को 100 नंबर के माध्यम से दी गई। महज सात मिनट में गश्ती दल वहां पहुंच गया और छानबीन शुरू कर दी। ऐसे ही अन्य थानों की पुलिस को भी सूचना दी जा रही थी। सूचना देने के बाद किस थाने का रिस्पांस टाइम कम रहा और कौन पदाधिकारी सक्रिय दिखा, इसकी समेकित रिपोर्ट भेजी गई है।


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