हर तीसरे दिन छह संक्रमित ठीक होकर हो रहे डिस्चार्ज
कोरोना के जिद्दी वायरस को पटना में लगातार हार का मुंह देखना पड़ रहा है।
पटना। कोरोना के जिद्दी वायरस को पटना में लगातार हार का मुंह देखना पड़ रहा है। वह फैलने में तेजी तो दिखा रहा है, लेकिन उसका असर खास नहीं है। पटना में 80 प्रतिशत लोग तो लक्षण दिखने के पहले ही उसे मात दे रहे हैं।
आकड़ों की बात करें तो हर दिन करीब तीन लोगों को कोरोना अपनी चपेट में ले रहा है, तो हर तीसरे दिन छह लोग इसे मात दे रहे हैं। डॉक्टर इसकी बड़ी वजह लोगों की हार्ड इम्युनिटी बता रहे हैं।
पटना में 22 मार्च को पहला पॉजिटिव केस मिला था। इसी दिन मुंगेर निवासी कोरोना संक्रमित युवक की मौत हुई थी। इसके बाद राजधानी में कोरोना की रफ्तार मंद ही रही। आठ दिन बाद 30 मई को पहली संक्रमित महिला ने तो सात दिन में दूसरे युवक ने कोरोना को मात दी और स्वस्थ होकर घर चले गए। एक ओर 68 दिन में पटना में रोगियों की संख्या 231 हुई, तो मई में उनकी रिकवरी भी तेज हुई है।
30 मार्च से कोरोना को मात देने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह 29 मई यानी 68 दिन में 161 तक पहुंच चुका है। मात देने वालों में अधिक संख्या में लोगों ने इलाज के बाद होम क्वारंटाइन का समय भी पूरा कर चुके हैं। हाल में छोड़े जाने वाले भी होम क्वारंटाइन में पूरी तरह से स्वस्थ हैं। आकड़ों के अनुसार जहां पटना में हर दिन तीन लोग संक्रमित हो रहे वहीं दो लोग स्वस्थ भी हो रहे हैं।
पटना जिले के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक के अनुसार पटना के जिन दो रोगियों की मौत हुई है, उनमें से एक मल्टी आर्गन फेल्योर तो दूसरी महिला कैंसर की रोगी थी। पटना में किसान से लेकर मजदूर तक चना-सत्तू समेत कई ऐसे पौष्टिक आहार खाने में लेते हैं जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है।
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तिथि डिस्चार्ज की संख्या
21 मई 53
22 मई 55
23 मई 83
24 मई 83
25 मई 91
26 मई 91
27 मई 135
28 मई 141
29 मई 161