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Bihar Flood: लगातार गहरा रहा बाढ़ का कहर, टूट रहे बांध डूब रहे गांव; मौत का आंकड़ा 200 पार

Bihar Flood मानसून की बारिश फिर शुरू होने के कारण बिहार में नए सिरे से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नदियों में उफान है। जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 07:28 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 10:33 PM (IST)
Bihar Flood: लगातार गहरा रहा बाढ़ का कहर, टूट रहे बांध डूब रहे गांव; मौत का आंकड़ा 200 पार

पटना [जागरण टीम]। नेपाल व बिहार के कई इलाकों में मानसून की बारिश के साथ उत्तर बिहार, कोसी और सीमांचल में बाढ़ का कहर फिर गहरा गया है। नए इलाकों में पानी घुसने से लोगों की मुश्किल बढ़ने लगी है। बांध, पुल व सडक टूट रहे हैं तो घर भी गिर रहे हैं। राहत व बचाव के बीच बाढ़ के कारण मरने वालों का आंकड़ा दो सौ पार कर गया है।
उत्तर बिहार में शुक्रवार को भी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। गुरुवार की बात करें तो चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जिले के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। रक्सौल में त्रिवेणी नहर का तटबंध टूटने से कई गांवों में पानी फैल गया है। सीतामढ़ी में राहत को लेकर लोगों ने हंगामा किया। दरभंगा के जाले में बाढ़ पीडि़तों ने प्रखंड प्रमुख-उप प्रमुख को बंधक बनाया।

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मौत का आंकड़ा दो सौ पार
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बाढ़ से 123 लोगों मौत हुई है। इनमें सीतामढी के 37, मधुबनी के 30, अररिया के 12, शिवहर एवं दरभंगा के 10-10, पूर्णिया के नौ, किशनगंज के पांच, मुजफ्फरपुर के चार, सुपौल के तीन, पूर्वी चंपारण के दो तथा सहरसा के एक व्यक्ति शामिल हैं। हालांकि, गैर सरकारी आंकडा़ें के अनुसार दो सौ से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर, 26 टीमें कर रहीं बचाव
बाढ़ के कारण बिहार की सात नदियों खतरें के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। बढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदियां कई जगह खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं।
इस बीच पीडि़तों के बचाव में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमें लगीं हुईं हैं। विभिन्‍न जिलों में चलाए जा रहे करीब 42 राहत शिविरों में 22400 लोग शरण लिए हुए हैं।
पश्चिम-पूर्वी चंपारण, दरभंगा, सीतामढ़ी के नए इलाके डूबे

श्चिम चंपारण जिले में दोन के 22 गांवों का सड़क संपर्क लगातार चौथे दिन भी भंग है। रामनगर प्रखंड की गुदगुदी पंचायत के गांवों को मसान नदी के कहर से बचाने के लिए बना पायलट चैनल और पारको पाइन बांध का नामोनिशान मिट गया है। एनएच- 727 पर सिरौना व पचफेड़वा गांव के बीच डेढ़ फीट पानी बह रहा है। सिकटा व मैनाटांड प्रखंड मुख्यालय से अनुमंडल मुख्यालय का संपर्क भी भंग हो गया है।

पूर्वी चंपारण में सिकरहना नदी का पानी सुगौली शहर में प्रवेश कर गया है। बंगरी नदी के दबाव से रामगढ़वा प्रखंड के  बेलहिया गांव के पास त्रिवेणी नहर का तटबंध करीब 30 फीट तक टूट गया है।

मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड क्षेत्र में कोसी, भुतही बलान व कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। मुजफ्फरपुर जिले के कटरा और औराई प्रखंड के दर्जनों गांव पानी से घिरे हैं। समस्तीपुर जिले के कई हिस्सों में बाढ़ का कहर जारी रहा। सीतामढ़ी जिले में जारी मूसलाधार बारिश से बागमती और अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। सीतामढ़ी शहर के कई मोहल्ले बाढ़ के पानी की गिरफ्त में हैं।

दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित 14 प्रखंडों और निगम क्षेत्र के मोहल्लों में बागमती, जीवछ व कमला बलान के जलस्तर में कमी आई है। वहीं, सदर प्रखंड में जीवछ के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। कुशेश्वरस्थान की 14 पंचायतों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।

सीमांचल व कोसी में भी बिगड़ रहे हालात

उधर, पूर्वी बिहार, सीमांचल व कोसी में भी एक बार फिर हालात बिगड़ हैं। पूर्णिया में महानंदा, परमान, कनकई आदि नदियों का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे हैं, लेकिन पानी बढ़ रहा है। सुपौल में कोसी के जलस्राव में उतार-चढ़ाव जारी है।  सहरसा में भी कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। मधेपुरा में कोसी व सुरसर नदी के जलस्तर में कमी आने से निचले हिस्सों में पहुंचा पानी कम हो गया है। अररिया में बहने वाली बकरा, रतवा, नूना आदि नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। दहगामा में नूना नदी का तटबंध कटाव का शिकार हो रहा है। किशनगंज में महानंदा, कनकई, मेंची समेत सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं।

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