वेलेंटाइन डे के दिन लड़की ने फोन कर बुलाया था, अब आरा के तीन सगे भाइयों की उम्र जेल में कटेगी
Bihar Crime वेलेंटाइन डे के दिन अपनी प्रेमिका के बुलावे पर उसके घर जाना युवक की आखिरी गलती बन गया था। पिछले साल के इस मामले में कोर्ट ने प्रेमिका के तीन भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
आरा, जागरण संवाददाता। शायद ही ऐसा कोई शख्स हो, जिसे अपनी जिंदगी में कभी किसी से इश्क नहीं हुआ हो, बावजूद इसके समाज मोहब्बत को अच्छी निगाहों से आज भी नहीं देखता। ऐसा ही एक मामला है भोजपुर जिले के आयर थाना बलिगांव का। इस गांव के छात्र अंकित की हत्या के मामले में कोर्ट ने तीन सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुना दी है। पूरा मामला जानकर आप मोहब्बत करने से पहले सोचेंगे तो वैसे लोग भी जिन्हें मोहब्बत पसंद नहीं है। इस मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश हर्षित सिंह ने गुरुवार को आरोपित अनिल कुमार यादव एवं उसके दो भाइयों धनजी यादव व जितेन्द्र कुमार यादव को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा 65- 65 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सत्येन्द्र सिंह दारा ने बहस किया। तीनों सजायाफ्ता आरोपी बलिगांव गांव के निवासी है।
वेलेंटाइन- डे के दिन बुलाकर की गई थी हत्या
बताया जाता है कि आयर थाना क्षेत्र के बलिगांव गांव निवासी पिन्टू बैठा ने थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि वेलेंटाइन -डे 14 फरवरी 2020 को उसका बेटा अंकित कुमार मोबाइल लेकर शौच के लिए गया था। फिर वापस नहीं आया था। 16 फरवरी 2020 को शव मिला था। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। अनुसंधान के दौरान पुलिस को जानकारी हुई थी कि लड़की के साथ प्रेम- प्रसंग का मामला चल रहा था। इसके बाद लड़की के परिवार वालों से पुलिस ने पूछताछ की थी तो मामला उजागर हुआ था।
प्रेमिका ने फोन कर बुलाया और हो गई हत्या
अनुसंधान में यह बात आई थी कि लड़की से फोन करवाकर अंकित कुमार को घर से बुलाने के बाद उसकी हत्या कर नहर के किनारे फेंक दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने बोरा में उसका शव नहर के किनारे से बरामद किया था। पुलिस ने अनुसंधान के दौरान उस लड़की समेत सात को अभियुक्त बनाया था। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि मारा गया लड़का स्कूल में नौवीं कक्षा में पढ़ता था और उम्र लगभग 15 वर्ष थी। उसी स्कूल में लड़की भी पढ़ती थी। दोनों में प्रेम हो गया था।
17 दिनों पहले ही तीनों आरोपित पाए गए थे दोषी
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि अभियोजन की ओर से आठ गवाहों की गवाही कोर्ट में हुई थी। कोर्ट ने 13 सितंबर 2021 को तीन आरोपियों को दोषी पाया था। जबकि, संदेह का लाभ देते हुए तीन आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया था। लड़की को नाबालिग होने के कारण जुबेनाइल बोर्ड में भेज दिया गया था। कोर्ट में 25 सितंबर 2021 को सजा के बिंदु पर बहस हुई थी।
इन धाराओं के तहत पाया गया दोषी
कोर्ट ने 30 सितंबर को आरोपी अनिल कुमार यादव, धनजी यादव व जितेन्द्र कुमार यादव को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 302/34, 201/34 तथा एससी एसटी की धारा 3(2)(वी) के तहत सश्रम आजीवन कारावास व 25 हजार अर्थदंड, तीन वर्ष के सश्रम कैद व 15 हजार रुपया अर्थदंड तथा सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 25 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। सभी सजाएं साथ -साथ चलेंगी।
मोबाइल के सीडीआर से खुला था कत्ल का राज
छात्र अंकित के गायब होने की गुत्थी सुलझाने में लगी आयर पुलिस को मोबाइल के सीडीआर से क्लू मिला था। छात्र के गायब होने की सूचना मिलने के बाद से ही भोजपुर के तत्कालीन एसपी सुशील कुमार ने इसे गंभीरता से लिया था। जिसके बाद जगदीशपुर एसडीपीओ श्याम किशोर रंजन के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। इस दौरान सीडीआर के जरिए पुलिस को कल्लू मिला था कि गायब छात्र और लड़की के बीच रात में वार्ता हुई थी। जिसे केंद्र में रखकर पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया था तो परत दर परत अपहरण और कत्ल के राज से पर्दा उठना शुरू हो गया था। पुलिस को मृत छात्र का मोबाइल तो हाथ नहीं लगा था। लेकिन, जिस मोबाइल फोन से छात्रा बात करती थी उसे जब्त कर लिया गया था।