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वाराणसी और काेलकाता से पटना में हो रही चांदी की तस्‍करी, आयकर को 88 किलो चांदी का नहीं मिला कोई दस्‍तावेज

पटना जंक्‍शन से बरामद 88 किलो चांदी के गहनों का नहीं मिला कोई दस्‍तावेज पकड़े गए यूपी के शख्‍स से सीजीएसटी के बाद आयकर विभाग की टीम ने भी की पूछताछ शनिवार को पटना जंक्शन पर 88.191 किलो चांदी के गहने हुए थे बरामद

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 12:11 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 12:11 PM (IST)
वाराणसी और काेलकाता से पटना में हो रही चांदी की तस्‍करी, आयकर को 88 किलो चांदी का नहीं मिला कोई दस्‍तावेज
पटना में पकड़ा गया चांदी की तस्‍करी का बड़ा मामला। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Crime: बिहार की राजधानी पटना (Patna Crime) में इन दिनों वाराणसी (Varanasi) से चांदी की तस्करी (Gold Smuggling) काफी हो रही है। तस्कर चांदी के गहने वाराणसी और कोलकाता (Kolkata) से लेकर आ रहे हैं। इतना ही नहीं, इनके द्वारा चांदी व सोने की तस्करी ट्रेनों (Indian Railway) के लीज ब्रेक वान द्वारा भी की जा रही है। शनिवार को पटना जंक्शन (Patna Juction) पर बरामद 59 लाख रुपये मूल्य के 88.191 किलोग्राम चांदी के मामले में सीजीएसटी (CGST) के बाद अब आयकर विभाग (Income Tax Department) ने भी पूछताछ शुरू कर दी है।

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चांदी जब्‍ती के 24 घंटे बाद भी नहीं मिला कोई कागजात

जब्ती के 24 घंटे बाद तक भी गिरफ्तार उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद निवासी रणविजय यादव की ओर से जब्त चांदी के गहने का कोई कागजात पेश नहीं किया गया है। उसे मंगलवार को दस बजे तक इससे संबंधित कागज पेश करने को कहा गया था। आयकर की टीम पटना जंक्शन पहुंचकर इस मामले में गिरफ्तार चांदी व्यापारी से पूछताछ कर रही है।

पांच साल का आयकर रिटर्न भी मांगा

व्यापारी को इसका पूरा कागजात के साथ उनका पिछले पांच साल का आयकर रिटर्न भी मांगा गया है। इस संबंध में आरपीएफ इंस्पेक्टर बीके सिंह ने बताया कि होली को लेकर ट्रेनों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में रणविजय को चांदी के जेवरात ले जाते गिरफ्तार कर लिया गया था। रणविजय बाकरगंज के चांदी के थोक व्यवसायियों के लिए चांदी के जेवर को ट्रेनों से वाराणसी से लेकर पटना तक आता था। पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि वह केवल व्यापारियों के बीच कड़ी के रूप में ही काम करता है। व्यापारियों का माल पहुंचाता है। बदले में उसे कमीशन मिलता है, जिससे उसका गुजारा चलता है। इस माल का सारा कागजात व्यापारी लेकर खुद ही अधिकारियों के पास पहुंच जाएंगे।


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