शिवानंद तिवारी ने स्वीकारा, लालू यादव के खिलाफ दिया था आवेदन; सीबीआइ से पूछा ये सवाल
Bihar Politics राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बयान जारी कर बड़ी बात कही है। उन्होंने भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी की ओर से लालू प्रसाद यादव के खिलाफ दिए बयान पर सीबीआइ से एक सवाल पूछा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी सहित परिवार के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों के ठिकानों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) की छापेमारी को लेकर बिहार की राजनीति लगातार ही गर्म है। सीबीआइ ने गत शुक्रवार को पटना, दिल्ली, गोपालगंज और भोपाल सहित करीब 15 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर रेलवे भर्ती घोटाले की जांच की थी। इस मामले में भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने पिछले दिनों कहा कि यह जांच किसी और की शिकायत पर नहीं, बल्कि फिलहाल लालू यादव के करीबी और राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी के आवेदन में की गई शिकायत पर ही तो हो रही है। अब शिवानंद तिवारी ने प्रकारांतर से इस बात को स्वीकार कर लिया है।
अब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की निकटता से भाजपा सशंकित हो गई है। राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी को लेकर कहा कि वे अतीत में भटकते रहते हैं। शिवानंद ने कहा कि सुशील मोदी कह रहे हैं कि 2008 में उन्होंने लालू प्रसाद पर जमीन वाला आरोप लगाया था। सवाल यह है कि 2008 में आरोप लगाया तो सीबीआइ अब तक सोई क्यों रही।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि सीबीआइ की नींद तब खुली जब नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव के बीच जाति जनगणना के मसले पर सहमति बनी है। छापेमारी के लिए यही वक्त क्यों चुना गया। इसका उद्देश्य जाति जनगणना रोकना है, क्योंकि संघ को जाति जनगणना से आपत्ति है। जाति जनगणना हुई तो खुलासा हो जाएगा और वंचित समाज अपनी संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी मांगेगा।
शिवानंद ने कहा कि नीतीश-तेजस्वी के बीच जाति जनगणना को लेकर नजदीकी बढ़ रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि छापेमारी के जरिए नीतीश कुमार को कहीं परोक्ष रूप से चेतावनी देने की कोशिश तो नहीं की जा रही। सुशील मोदी बेहतर बता सकते हैं कि 2008 के बाद सीबीआइ सोई थी तो अब क्यों जागी है। इसका मकसद राजनीति के अलावा और क्या हो सकता है। सुशील मोदी को इसपर प्रकाश डालना चाहिए।