संसद में शत्रुघ्न सिन्हा: आदतों में शुमार हो गई है खामोशी, 2010 से नहीं पूछा सवाल
भाजपा सांसद व बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का चर्चित डायलॉग 'खामोश' इन दिनों अलग कारणों से चर्चा में है। वे 2010 से लोकसभा में खामोश हैं। क्या है मामला, जानिए।
पटना [विकाश चन्द्र पाण्डेय]। कभी अपनी अदाओं से 'खामोश’ करने वाले बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा इन दिनों खुद खामोश हो गए हैं। सदन में तो बिल्कुल ही। यह दूसरा मौका है जब इलाके की जनता ने उनकी तलाश शुरू की है। हाल ही में उनकी गुमशुदगी की तहरीर दी गई। लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनकी तलाश में जगह-जगह पोस्टर चस्पा हुए थे। हालांकि, तब पटना साहिब लोकसभा सीट से संसद पहुंच गए। वहां जाकर अलबत्ता खामोश हो गए। बिहारी बाबू ने आखिरी सवाल 2010 में 13 दिसंबर को पूछा था। बहस में आखिरी भागीदारी 2014 में दो फरवरी को रही।
पार्टी के लोग कर रहे तलाश
सांसद शत्रुघ्न सिन्हा उर्फ बिहारी बाबू की तलाश इस बार उन्हीं की पार्टी के लोग कर रहे। वे इलाकाई लोग हैं, लेकिन पिछली बार उन्हें ढूंढने वालों में भाजपा के लोग आगे नहीं थे। मुमकिन है कि यह सियासत हो, लेकिन बिहारी बाबू से कोई जवाब भी नहीं मिल रहा।
लोकसभा में सवाल नहीं पूछते बिहारी बाबू
वे भरसक सवाल भी नहीं पूछते। लोकसभा का उनका रिकार्ड तो यही बता रहा है। न कोई सवाल, न बहस में भागीदारी और ना ही किसी तरह का प्राइवेट बिल। उपस्थिति 68 प्रतिशत है। उनसे कम मौजूद रहने वाले महज दो बिहारी सांसद हैं, भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय और लोजपा के रामकिशोर उर्फ रामा सिंह। उन दोनों की उपस्थिति का ग्राफ 67 प्रतिशत है।
आरके सिंह की उपस्थिति 97 प्रतिशत
बिहार से लोकसभा में 40 सांसद हैं, जिनमें से किसी की उपस्थिति शत प्रतिशत नहीं। सर्वाधिक 97 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने वालों में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के साथ भाजपा के अजय निषाद और जनक राम हैं। पटना जिला से दूसरे सांसद रामकृपाल यादव हैं, जो केंद्र सरकार में मंत्री के दायित्वों के साथ सदन में 91 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करा रहे। गौरतलब यह कि इस बजट सत्र में लोकसभा ने निर्धारित समय से महज 21 फीसद का सदुपयोग किया। पीरआएस के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे।
इन्होंने पूछे अधिक सवाल
कैबिनेट में सहभागिता के कारण कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, खाद्य व उपभोक्ता मंत्री मंत्री रामविलास पासवान और मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की उपस्थिति आदि का विवरण संसद की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं। शेष सांसदों में सर्वाधिक सवाल पूछने वालों में क्रमश: रमा देवी, कीर्ति आजाद और सुशील कुमार सिंह शामिल हैं। इन तीनों ने राष्ट्रीय और बिहार के औसत से अधिक सवाल पूछे।
रामकृपाल यादव और अनवारुल हक के खाते में एक-एक सवाल दर्ज हैं। रामचंद्र पासवान ने तीन सवाल पूछे। महज दो सवाल पूछने वाले तसलीमुद्दीन दुनिया से रुखसत हो चुके हैं। उनकी सीट से उप चुनाव जीतने वाले सरफराज आलम की उपस्थिति 82 फीसद है और सवाल शून्य।
इनकी रही बहस में सर्वाधिक भागीदारी
बहस में सबसे अधिक भागीदारी कौशलेंद्र कुमार की रही। उसके बाद क्रमश: राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और अश्विनी कुमार चौबे की। महज दो-दो बहस में सहभागिता के साथ महबूब अली कैसर और रामचंद्र पासवान निचले पायदान पर हैं। महिला सांसदों में रमा देवी सर्वाधिक मुखर रहीं। रंजीत रंजन और वीणा देवी क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर।
लोकसभा में उपस्थिति में आगे बिहारी सांसद
राजकिशोर सिंह (97 प्रतिशत)
अजय निषाद (97 प्रतिशत)
जनक राम (97 प्रतिशत)
लोकसभा में उपस्थिति में पीछे बिहारी सांसद
नित्यानंद राय (67 प्रतिशत)
रामकिशोर सिंह (67 प्रतिशत)
संतोष कुमार (68 प्रतिशत)
शत्रुघ्न सिन्हां (68 प्रतिशत)
लोकसभा में बहस में आगे बिहारी सांसद
कौशलेंद्र कुमार (199)
पप्पू यादव (194)
अश्विनी चौबे (181)
लोकसभा में बहस में पीछे बिहारी सांसद
राजीव प्रताप रूडी (12)
महबूब अली कैसर (2)
रामचंद्र पासवान (2)
शत्रुघ्न सिन्हाछ (0)
लोकसभा में सवाल में आगे बिहारी सांसद
कीर्ति आजाद (403)
रमा देवी (494)
सुशील कुमार सिंह (387)
लोकसभा में सवाल में पीछे बिहारी सांसद
रामचंद्र पासवान (3)
अनवारुल हक (1)
रामकृपाल यादव (1)
शत्रुघ्ने सिन्हाछ (0)
शत्रुघ्न सिन्हा का लोकसभा में प्रदर्शन
राष्ट्रीय औसत : बिहार का औसत : बिहारी बाबू का प्रदर्शन
उपस्थिति : 80 प्रतिशत 87 प्रतिशत 68 प्रतिशत
बहस : 57.9 प्रतिशत 51.7 प्रतिशत: 0
सवाल : 250 171 0
प्राइवेट बिल : 1.8 2.7 0