राजद से इतर, जनाधार मजबूत करने में जुटी बिहार कांग्रेस, ये है प्लान
बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोयल 8 मई से सूबे में रहकर पार्टी विधायकों, विधान पार्षदों के साथ ही जिला से लेकर प्रखंड अध्यक्ष और बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं से मिलेंगे।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार कांग्रेस में उठापटक का दौर थमने के साथ ही पार्टी ने अपना ध्यान कद बढ़ाने पर केन्द्रित कर दिया है। महागठबंधन से इतर अब वह जनता के बीच पकड़ मजबूत करने में जुट गई है। राजस्थान उपचुनाव, गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणामों से उत्साह में आए आलाकमान ने अब बिहार कांग्रेस की मजबूती के लिए काम शुरू कर दिए हैं। इसका जिम्मा बिहार के नवनियुक्त प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल पर है।
आलाकमान के निर्देश पर प्रभार लेने के बाद से गोहिल अब तक दो बार बिहार के दौरे पर आकर यहां रहकर संगठन की मजबूती की रणनीति तय करते नजर आए। वे अब एक बार फिर बिहार के दौरे पर आ रहे हैं। इस बार वे पांच दिनं बिहार में रहेंगे और इस दौरान पार्टी विधायकों, विधान पार्षदों के साथ ही जिला से लेकर प्रखंड अध्यक्ष और बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और उन्हें संगठन की मजबूती के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी देंगे।
पार्टी के अंदरखाने के सूत्र बताते हैं कि संगठन का कद बढ़ाने की असल वजह आने वाले वर्षों में होने वाले दो चुनाव हैं। पहले लोकसभा इसके बाद बिहार विधानसभा के चुनाव। पार्टी का मानना है कि महागठबंधन में चूंकि जदयू नहीं है ऐसी स्थिति में सीटों के बंटवारे में कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सकता है, लेकिन इसके पहले संगठन को अपनी शक्ति का विस्तार करना होगा।
गोहिल आठ मई से एक बार फिर बिहार में हैं और इस यात्रा में वे 13 मई तक यहीं रहेंगे। नौ मई को वे सुबह से लेकर शाम तक भोजपुर में रहेंगे और कोईलवर, आरा, उदवंत नगर, पीरो, गड़हनी और डुमरिया जाएंगे और कांग्रेसजनों से संगठन की मजबूती को लेकर विमर्श करेंगे। इसी क्रम में वे 13 मई को सदाकत आश्रम में कांग्रेस के पूर्व सांसदों, विधायकों, पार्षदों के साथ ही जिला और प्रखंड अध्यक्षों से भी मिलेंगे।