वेतनमान में समयोजित होगी दैनिक कर्मियों की सेवा
पटना । नगर निगम 1990 के बाद से 10 वर्षो तक सेवा देने वाले दैनिक कर्मियों की सेवा को वेतनमान
पटना । नगर निगम 1990 के बाद से 10 वर्षो तक सेवा देने वाले दैनिक कर्मियों की सेवा को वेतनमान में समायोजित करेगा। नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बुधवार को पटना नगर निगम स्टाफ यूनियन के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह के साथ वार्ता के दौरान यह जानकारी लिखित रूप से दी। यूनियन 16 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाली थी। जबकि पटना नगर निगम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ की हड़ताल जारी है। इस यूनियन से वार्ता नहीं की।
नगर आयुक्त ने स्पष्ट आदेश निकाला है कि सेवा को वेतनमान में समायोजन के लिए कर्मियों को चिन्हित कर सूची तैयार होगी। दिसंबर माह में स्थायी समिति और बोर्ड से अनुशंसा प्राप्त कर राज्य सरकार को भेजी जाएगी। नगर निगम कर्मियों को समान कार्य का समान वेतनमान देने के मामले में नगर विकास एवं आवास विभाग से मार्गदर्शन मांगने की बात कही है। नगर निगम कर्मियों को एक अप्रैल 2018 से सप्तम वेतनमान देने का लिखित आश्वासन दिया है।
आयुक्त ने कहा है कि कुशल और अकुशल कार्यो को चिन्हित करने के लिए त्रिस्तरीय समिति गठित की गई है। 30 दिनों के अंदर अपना प्रतिवेदन देगी। उसके बाद स्थायी सशक्त समिति के समक्ष रखा जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर दैनिक मजदूरों का पारिश्रमिक बढ़ाने पर विचार होगा। निगम कर्मियों की मांगों को नगर विकास विभाग में भेज दिया गया है। समय-समय पर अपर नगर आयुक्त के स्तर पर समीक्षा होती है। आजीवन पारिवारिक पेंशन संशोधन नियमावली के लिए विधि पदाधिकारी से परामर्श प्राप्त कर विभाग से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा। एसीपी की अगली बैठक 22 नवंबर को होगी। दिसंबर माह तक पूर्ण कर लिया जाएगा। अंचलों से रिक्त पदों की सूची मांगी गई है। रिक्त पदों पर कार्यरत प्रभारियों का समायोजन कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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नगर आयुक्त की गाड़ी को घेर कर धरना पर बैठे रह गए कर्मचारी
पटना : पटना नगर निगम चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संघ का 35 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल जारी है। सफाई व्यवस्था पर कोई असर नहीं है। हड़ताली कर्मियों ने बुधवार को निगम मुख्यालय के समक्ष नगर आयुक्त के वाहन को घेर लिया। कर्मचारियों को भनक नहीं लगी और आयुक्त दूसरे वाहन से बांकीपुर अंचल पहुंच गए थे। कर्मचारियों को काफी निराशा हाथ लगी। संध्याकाल में दूसरी यूनियन को बुलाकर वार्ता कर ली। कर्मचारी संघ के महासचिव नंदकिशोर दास ने नगर आयुक्त पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। जबकि नगर आयुक्त ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से कर्मचारियों की बातें सुनेंगे। अब कर्मचारियों की कोई मांग नहीं रह गई है।