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Bihar Coronavirus Update News: यूपी-झारखंड से भी पटना AIIMS आ रहे कोरोना के गंभीर मरीज

Bihar coronavirus update news कोरोना के बेहतर इलाज की आस में न सिर्फ प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों बल्कि यूपी-झारखंड से भी गंभीर रोगी एम्स पटना पहुंच रहे हैं।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 07:57 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 10:07 PM (IST)
Bihar Coronavirus Update News: यूपी-झारखंड से भी पटना AIIMS आ रहे कोरोना के गंभीर मरीज
Bihar Coronavirus Update News: यूपी-झारखंड से भी पटना AIIMS आ रहे कोरोना के गंभीर मरीज

पटना, जेएनएन। कोरोना के बेहतर इलाज की आस में न सिर्फ प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों बल्कि उत्तर प्रदेश और झारखंड के सीमावर्ती जिलों से गंभीर रोगी एम्स पटना पहुंच रहे हैं। अबतक एम्स में भर्ती कुल कोरोना संक्रमित रोगियों में दस प्रतिशत उत्तर प्रदेश व झारखंड के थे। इसके अलावा करीब 50 प्रतिशत रोगी दूसरे मेडिकल कॉलेजों से रेफर होकर आ रहे हैं। 40 प्रतिशत लोग खुद आकर भर्ती होते हैं। कोरोना संक्रमितों के लिए बना आठ बेड का आइसीयू हमेशा फुल रहता है। इसे देखते हुए निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने चार कमरों में अलग आइसीयू की व्यवस्था कराई और पूरा नहीं पडऩे पर अगले सप्ताह तक 30 और वेंटिलेटर लगवा रहे हैं। 

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दूसरे प्रदेशों के कई मरीज जा चुके हैं इलाज कराके

कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि शुक्रवार को ही प्रदेश के कोरोना अस्पताल एनएमसीएच से दो, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) मुजफ्फरपुर से दरभंगा के तीन रोगियों को यहां रेफर किया गया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बलिया और झारखंड के गोड्डा जिले से एक-एक रोगी यहां कोरोना का इलाज कराने पहुंचा है। शनिवार को कोरोना संक्रमित रिपोर्ट आने के बाद हाजीपुर के डॉक्टर भी जिले या एनएमसीएच की बजाय इलाज कराने के लिए एम्स पटना में ही भर्ती हुए। डॉ. संजीव ने बताया कि यूपी के अलीगढ़, आजमगढ़, झारखंड के कमोबेश आधा दर्जन जिलों के कोरोना संक्रमितों का यहां इलाज किया जा चुका है।

अभी एक साथ 12 गंभीर रोगियों के उपचार की व्यवस्था

डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि गंभीर रोगियों की संख्या लगातार बढऩे के कारण निदेशक 30 और वेंटिलेटर मंगवा रहे हैं। इनके आने के बाद और अधिक गंभीर रोगियों को उपचार किया जा सकेगा। वर्तमान में संस्थान में 54 वेंटिलेटर हैं लेकिन इमरजेंसी और अन्य गंभीर रोगियों के इलाज को देखते हुए सिर्फ 12 ही कोरोना रोगियों के लिए सुरक्षित हैं। सरकार ने एनएमसीएच को कोरोना अस्पताल घोषित करने के साथ ही गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा समेत सभी मेडिकल कॉलेजों में उपचार की बेहतर व्यवस्था की है। इसके बावजूद एनएमसीएच समेत अन्य मेडिकल कॉलेज कोरोना के गंभीर रोगियों को हर दिन एम्स रेफर कर रहे हैं। 

कहां से कितने हुए हैं भर्ती

  • यूपी व झारखंड - 10 परसेंट 
  • राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेजों से - 50 परसेंट 
  • खुद आकर भर्ती होने वाले मरीज - 40 परसेंट 

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