एके-47 की तस्करी में बिचौलिए की भूमिका में था सिपाही धर्मवीर
एके-47 तस्करी मामले में सेना के रिटायर्ड जवान के बाद अब पुलिस सिपाही की भूमिका सामने आ रही है। पुलिस पूछताछ में उसने कई अहम जानकारियां दी हैं।
पटना । एके-47 तस्करी मामले में सेना के रिटायर्ड जवान के बाद अब पुलिस सिपाही की भूमिका सामने आने लगी है। मुंगेर पुलिस इसी मामले में पटना पुलिसलाइन में तैनात सिपाही धर्मवीर को पूछताछ के लिए उठा ले गई। फिलहाल उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। परंतु शुक्रवार को उसकी गिरफ्तारी पर कागजी तौर पर मुहर लग सकती है। इस बाबत मुंगेर एसपी बाबू राम ने बताया कि एक पुलिस जवान की निशानदेही पर धर्मवीर को पूछताछ के लिए मुंगेर लाया गया है। इस दौरान उसने कई राज खोले। उसके द्वारा दी गई जानकारी की पुष्टि की जा रही है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। वहीं सूत्रों की मानें तो सिपाही धर्मवीर ने पुलिसिया पूछताछ में एके-47 की तस्करी कनेक्शन में कई राज से पर्दा उठाया है। सूत्रों की मानें तो धर्मवीर से एनआइए की टीम भी पूछताछ करेगी। इस बाबत मुंगेर पुलिस से एनआइए के अधिकारियों ने संपर्क किया है। धर्मवीर को मुंगेर पुलिस के एक जवान की निशानदेही पर उठाया गया है। उस जवान का भी एके-47 की तस्करी में कनेक्शन रहा है।
दो महीने पूर्व पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना इलाके स्थित एक गेस्ट हाउस से मंजर आलम की गिरफ्तारी के बाद इसकी जांच की आंच कई लोगों तक पहुंच गई है। सूत्रों की मानें तो मंजर ने पुलिस को जानकारी दी थी कि इस खेल में मुंगेर पुलिस का जवान भी शामिल था। उसकी निशानदेही पर उस जवान की शिनाख्त कर उससे पूछताछ की गई। उसने धर्मवीर के बारे में जानकारी दी। इसके बाद धर्मवीर पकड़ा गया। जरायम की दुनिया से जुड़े लोगों की मानें तो धर्मवीर बिचौलिए की भूमिका में था। मंजर आलम से एके-47 खरीदकर वह दूसरी पार्टी को बेचता था। इस काम में उसके कई पुलिस दोस्त भी साझेदार थे। वह अपने मार्फत कई लोगों को हथियार मुहैया करा चुका है। बेगूसराय, खगड़िया इलाके के अपराधियों और सफेदपोशों को हथियार मुहैया कराने में अहम भूमिका रही है।
गौरतलब है कि एके-47 की तस्करी मामले में अब तक कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इसका किंगपिन सेना का रिटायर्ड आर्मरर सुरेश ठाकुर और पुरुषोत्तम लाल रजक है। दोनों सेना के जबलपुर कैंट में तैनात थे। इनकी निशानदेही पर मंजर आलम को गिरफ्तार किया गया था। दोनों आर्मरर मंजर को हथियार सप्लाई करते थे। वहीं मंजर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और एनसीआर में हथियारों के सप्लायर सैदुल्ला और उसके तीन साथियों को असलहों की आपूर्ति करता था। सैदुल्ला और उसके तीन साथियों- मो. साबिर, मो. इंतजार और मो. ओबैद को जब दिल्ली पुलिस ने मेरठ से गिरफ्तार किया था तब उन्होंने भी मंजर आलम का नाम लिया था। वहीं इसी मामले में पूर्व में ही पुलिस मंजर के बहनोई मोनाजिर को हजारीबाग से गिरफ्तार कर चुकी है। उसने भी पुलिस को इस सिंडिकेट के बारे में कई जानकारी दी थी। कौन है धर्मवीर : धर्मवीर मूल रूप से खगड़िया जिले के गोगरी थाना अंतर्गत मदारपुर गांव का रहने वाला है। 40 वर्षीय धर्मवीर 1999 में बिहार पुलिस में बहाल हुआ था। काफी सालों तक वह बेगूसराय में पदस्थापित था। वर्ष 2013 में वह बेगूसराय से पटना आया था। तभी से वह पटना पुलिस लाइन में तैनात था। हाल में पुलिस लाइन में हुए उपद्रव में उसे निलंबित किया गया था। फिलहाल वह सस्पेंड है।