डस्टबिन में लगेंगे सेंसर, कूड़ा भरने पर भेज देगा मैसेज
स्मार्ट पटना बनाने के लिए एक-एक व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद चल रही है।
पटना। स्मार्ट पटना बनाने के लिए एक-एक व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद चल रही है। स्मार्ट सिटी के लिए चयनित एबीडी एरिया और आसपास के क्षेत्रों को साफ-सुथरा रखने के लिए कचरा प्रबंधन पर भी स्मार्ट प्लान की तैयारी रही है। शहर में सेंसरयुक्त ऐसे ओपेन और अंडरग्राउंड डस्टबिन लगाए जाएंगे, जो भरने पर कंट्रोल रूम को मैसेज भेज देंगे कि उन्हें खाली किया जाए। मैसेज मिलते ही निगम की गाड़ी कूड़े का डंपिंग स्टेशन तक पहुंचा देगी। राजधानी में दो सौ से अधिक जगहों पर ये सेंसर युक्त डस्टबिन लगाए जाएंगे। इन डस्टबिन में 75 फीसद कचरा भर जाने पर सेंसर मैसेज भेज देगा।
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विप्रो की मदद से बन रहा सिटी सेनिटेशन प्लान
राजधानी की सफाई व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के लिए नामचीन सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो की टीम नगर निगम क्षेत्र का निरीक्षण का एक रिपोर्ट तैयार कर रही है। विप्रो की चार सदस्यीय एक्सपर्ट चार महीने से कार्य कर रही है। इस महीने के अंत तक टीम अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप देगी। विप्रो के एक्सपर्ट टीम में सफाई, जागरूकता, एकाउंट एवं इंजीनिय¨रग के विशेषज्ञ शामिल हैं।
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मशीन से उठेगा अंडरग्राउंड डस्टबिन का कूड़ा
स्मार्ट सिटी के एरिया बेस्ड इलाके में डस्टबिन के आसपास कचरा नहीं हो इसके लिए जमीन के अंदर डस्टबिन लगाया जाएगा। डस्टबिन से कचरे के उठाव के लिए विशेष प्रकार की मशीन उपयोग में लाई जाएगी। यह एबीडी एरिया में मौजूद रहेगी।
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केंद्र और राज्य सरकार देंगे 100-100 करोड़
राजधानी को स्मार्ट बनाने के लिए 2776 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें एरिया बेस डेवलपमेंट के तहत सात तरह के विकास कार्य पर लगभग 25 सौ करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। जबकि शेष राशि पैन सिटी समाधान के लिए खर्च होगी। इसके लिए हर वर्ष पटना नगर निगम को 100-100 करोड़ केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पांच वर्षो तक मिलेंगे। शेष राशि की व्यवस्था पीपीपी मोड से की जाएगी।
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कोट ::
विप्रो की एक्सपर्ट टीम सिटी सेनिटेशन प्लान तैयार कर रही है। रिपोर्ट जुलाई महीने के अंत तक आने की संभावना है। रिपोर्ट आधार पर काम शुरू किया जाएगा।
- अभिषेक सिंह, नगर आयुक्त।