त्रिपुरा के नवोदय विद्यालय में बिहारी बच्चों पर टूटा कहर, चीखते रहे छात्र पीटते रहे सीनियर्स
त्रिपुरा के नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाले बिहारी बच्चों को वहां के सीनियर बच्चों ने रैगिंग के दौरान कमरे में बंद कर बेल्ट और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। पुलिस ने संज्ञान लिया है।
पटना, जेएनएन। बिहार के सारण जिले के रहने वाले आठ बच्चों को त्रिपुरा के नवोदय विद्यालय में सीनियर छात्रों द्वारा बुरी तरह पीटे जाने की घटना सामने आई है। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद जिले के एसपी ने हस्तक्षेप किया है और बच्चों को घर वापस भेजने के लिए स्कूल के प्राचार्य से बातचीत की है। एसपी की पहल के बाद बच्चों को उनके परिजनों से बात करायी गई। बच्चों ने परिजनों को बताया कि वो ठीक हैं।
पीड़ित सभी बच्चे सारण जिले के दरियापुर देवती नवोदय विद्यालय से माइग्रेट किए गए थे। इसमें ऐसा नियम है कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तहत अलग-अलग नवोदय विद्यालयों में बच्चे भेजे जाते हैं और वहां के बच्चे बुलाए जाते हैं। इसी क्रम में सारण जिले के दरियापुर देवती नवोदय विद्यालय कक्षा नौवीं के छात्रों को त्रिपुरा नवोदय विद्यालय में माइग्रेट किया गया था।
शनिवार की रात स्कूल के आठ जूनियर छात्रों के साथ सीनियर छात्रों ने रैगिंग की और उन सभी को कमरे में बंद कर रॉड और बेल्ट से बेरहमी से पीटा। बच्चों के बेसुध होने और चिल्लाने पर वहां शिक्षक पहुंचे और इसकी जानकारी पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही त्रिपुरा पुलिस स्कूल पहुंची और मामले की जांच की। इसके बाद घ टना की जानकारी सारण पुलिस को दी गई। पुलिस ने पीड़ित छात्रों को बच्चों के अभिभावकों से बात करायी।
त्रिपुरा और सारण एसपी के हस्तक्षेप के बाद त्रिपुरा नवोदय विद्यालय प्रबंधन ने बच्चों को घर वापस भेजने की कवायद में जुट गया है। रिविलगंज नवादा गांव निवासी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि उनके पुत्र शोभित राज की वहां के सीनियर छात्रों ने बेरहमी से पिटाई की है, जिससे वह बुरी तरह से घायल है। उन्होंने बताया कि इसके पहले भी वहां पर कई बार एेसी घटनाएं घट चुकी है, जिसको लेकर सारण के डीएम को कुछ दिन पहले अभिभावकों ने ज्ञापन देकर अवगत कराया था।
नेवाजी टोला निवासी अभिषेक के पुत्र जय कुमार को भी बेरहमी से पीटा गया है। रैगिंग की इस घटना को रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर वहां की सरकार से कार्रवाई की मांग की गई है। सारण के एसपी हर किशोर राय ने बच्चों के परिजनों से शिकायत मिलने के बाद विद्यालय के प्राचार्य से बात की जिसके बाद विद्यालय प्रबंधन ने बच्चों को वापस भेजने की सहमति दे दी है।
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