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कांग्रेसी नेता मौलाना असरारुल हक कासमी का निधन, राहुल गांधी-नीतीश ने जताया शोक

कांग्रेस के कद्दावर नेता और किशनगंज सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 76 वर्ष के थे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 09:42 AM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 03:10 PM (IST)
कांग्रेसी नेता मौलाना असरारुल हक कासमी का निधन, राहुल गांधी-नीतीश ने जताया शोक

पटना, जेएनएन। सीमांचल के कद्दावर कांग्रेसी नेता व किशनगंज से सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी का शुक्रवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 76 वर्ष के थे। सांसद कासमी का निधन सीमांचल के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

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जानकारी के मुताबिक, सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी का 76 वर्ष की आयु में शुक्रवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। बताया जाता है कि गुरुवार की देर रात एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान ठंड लगने से उनकी तबीयत खराब हो गयी थी।

उसके बाद उन्हें किशनगंज सर्किट हाउस में लाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पैतृक गांव ताराबाड़ी में सुपुर्द-ए-खाक की रस्म अदा की जायेगी। मौलाना कासमी के परिवार में तीन बेटे और दो बेटियां हैं। उनकी बेगम सलमा खातून का निधन नौ जुलाई, 2012 को हो गया था।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किशनगंज सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है और अपने शोक संदेश में कहा है कि मौलाना असरारुल हक कासमी जी राजनीति में अपनी शुचिता और सरल हृदय के लिए जाने जाते थे। सामाजिक कार्यों में उनकी गहरी अभिरुचि थी औऱ वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे।

किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना में उनका अहम योगदान था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके निधन से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मौलाना कासमी जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। उन्होंने दिवंगत आत्मा की चिर शांति और उनके परिजनों, प्रशंसकों और समर्थकों से दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर जताया शोक

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता असरारुल हक कासमी का जन्म 15 फरवरी, 1942 को हुआ था और वह वर्ष 2009 और 2014 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। हालांकि, लोकसभा चुनाव में कई बार उन्होंने अपनी किस्मत आजमायी थी, लेकिन उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

कासमी की शिक्षा दारुल उलूम देवबंद में में हुई थी, जहां से उन्होंने स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी और वह 'जमायत उलेमा-ए-हिंद' के प्रदेश अध्यक्ष भी थे। वह 'ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ 'बोर्ड के सदस्य होने के साथ ही 'ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल' के अध्यक्ष भी थे।


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