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उपेंद्र कुशवाहा की भूख हड़ताल का दूसरा दिन, नहीं पहुंचे तेजस्‍वी-तेजप्रताप; सियासत तेज

शिक्षा में सुधार नहीं जीना है बेकार के स्‍लोगन के साथ उपेंद्र कुशवाहा की शुरू हुई भूख हड़ताल का बुधवार को दूसरा दिन है। सियासत भी तेज है। शिक्षा मंत्री के वार पर पलटवार हुआ है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 09:41 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 10:18 PM (IST)
उपेंद्र कुशवाहा की भूख हड़ताल का दूसरा दिन, नहीं पहुंचे तेजस्‍वी-तेजप्रताप; सियासत तेज
उपेंद्र कुशवाहा की भूख हड़ताल का दूसरा दिन, नहीं पहुंचे तेजस्‍वी-तेजप्रताप; सियासत तेज

पटना, जेएनएन। रालोसपा प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की भूख हड़ताल (आमरण अनशन) का बुधवार को दूसरा दिन है। कुशवाहा के चहेरे पर भूख हड़ताल का असर दिखने लगा है। वजन में अंतर आया है। महागठबंधन में शामिल घटक दलों के नेताओं का आना जारी है। वे कुशवाहा से मिलने आ रहे हैं। घंटों बैठ व आश्‍वासन दे चले जा रहे हैं। बुधवार को राजद के प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह, कांग्रेस के अशोक राम समेत माकपा के राज्‍य सचिव अवधेश कुमार मिलर हाईस्‍कूल स्थित आमरण अनशन स्‍थल पर उनसे मिलने पहुंचे। हालांकि, राजद की ओर से तेजस्‍वी व तेजप्रताप अब तक नहीं पहुंचे हैं। तेजस्‍वी के बारे में कहा जा रहा है कि वे झारखंड चुनाव के प्रचार अभियान में लगे हुए हैं। उधर, बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्‍णनंदन वर्मा ने भूख हड़ताल पर तंज कसा है, जबकि उन पर कुशवाहा ने पलटवार किया है। 

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आमरण अनशन पर बैठे रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री का यह कहना कि केंद्रीय विद्यालय खोलने के मुद्दे पर मैंने उनसे बात नहीं की, यह सरासर गलत है। कुछ देर के लिए यह मान भी लिया जाए कि मैंने उनसे बात नहीं की तो कृष्णनंद वर्मा बताएं कि छह जिलों में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए उन्होंने क्या किया है?

कुशवाहा ने कहा कि जब तक राज्य सरकार केंद्रीय विद्यालय खोलने के प्रति सकारात्मक रवैया नहीं अपनाएगी, मेरा आमरण अनशन जारी रहेगा। उन्होंने अपना आमरण अनशन मंगलवार को मिलर हाई स्कूल मैदान में आरंभ किया है। उन्होंने कहा कि जब से मेरा आमरण अनशन आरंभ हुआ है, तब से शिक्षा मंत्री बेचैन हो गए हैं। मुद्दे से लोगों को भटकाने के लिए तरह-तरह के बयान दे रहे हैं। उन्‍होंने आज भी दोहराया कि शिक्षा में सुधार नहीं तो जीना है बेकार। बता दें कि शिक्षा मंत्री ने कहा है कि यह सब केवल राजनीति के लिए कर रहे हैं। जब कुशवाहा खुद केंद्र में मंत्री थे तब क्‍यों नहीं कुछ किए। इतना ही नहीं, हमसे भी मिलते तो समाधान निकल जाता। 

उधर, माकपा ने राज्य में शिक्षा में गुणात्मक सुधार की मांग को लेकर 26 नवंबर से आमरण-अनशन पर बैठे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का समर्थन किया है। पार्टी के राज्य सचिव अवधेश कुमार के साथ माकपा राष्ट्रीय मंडल के सदस्य गणेश शंकर सिंह एवं पटना जिला के सचिव मनोज कुमार चंद्रवंशी समेत कई नेता अनशन स्‍थल पर कुशवाहा से मिलने गए। 

माकपा के राज्‍य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो चुकी है। भाजपा-जदयू की सरकार में शिक्षा बेपटरी हो चुकी है तो वहीं शिक्षकों को सम्मान नहीं मिल रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि पूरे देश में शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा  है। गरीबों को सरकार शिक्षा से वंचित करने की कोशिश कर रही है, जिसका उदाहरण जेएनयू है। जेएनयू के छात्र इस बढ़ोतरी के खिलाफ लगातार आंदोलन पर हैं। उन्होंने अनशन पर बैठे उपेंद्र कुशवाहा की बिगड़ती सेहत को देखते हुए मुख्यमंत्री से वार्ता करने की पहल करने और उनके जायज मांगों को स्वीकार करने की मांग की है। बता दें कि मंगलवार को कुशवाहा का वजन 63 किलो था, जबकि बुधवार को इसमें थोड़ी कमी आई है। वहीं बीपी भी बढ़ा हुआ ही है। 


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