राज्यसभा की 6 सीटों के लिए बिहार में 'महाभारत', दिल्ली की दौड़ लगा रहे भाजपा नेता, महागठबंधन में भी खींचतान
बिहार से राज्यसभा की छह रिक्तियों को भरने के लिए चुनाव आयोग गुरुवार को अधिसूचना जारी करेगा। इस बीच बिहार भाजपा की चुनाव समिति एवं कोर ग्रुप ने प्रत्याशियों के नाम चयन के लिए केंद्रीय नेतृत्व को अधिकृत कर दिया है। इसके से बाद से दावेदार दिल्ली से पटना तक नेतृत्व के समक्ष अपनी-अपनी उम्मीदवारी को पुख्ता करने में जुटे हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार से राज्यसभा की छह सीटों को भरने के लिए चुनाव आयोग गुरुवार को अधिसूचना जारी करेगा। इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नामांकन की अंतिम तारीख 15 फरवरी है। वहीं, नामांकन पत्रों की जांच 16 फरवरी, नाम वापसी की तिथि 20 फरवरी है। अगर नौबत आई तो चुनाव 27 फरवरी को होंगे। शाम पांच बजे परिणाम भी आयोग घोषित कर देगा।
इस बीच बिहार भाजपा की चुनाव समिति एवं कोर ग्रुप ने प्रत्याशियों के नाम चयन के लिए केंद्रीय नेतृत्व को अधिकृत कर दिया है। इसके से बाद से दावेदार दिल्ली से पटना तक नेतृत्व के समक्ष अपनी-अपनी उम्मीदवारी को पुख्ता करने में जुटे हैं।
इन नेताओं का कार्यकाल पूरा
वर्तमान में राजद के मनोज झा व अशफाक करीम, जदयू के अनिल प्रसाद हेगड़े व बशिष्ठ नारायण सिंह, भाजपा के सुशील मोदी और कांग्रेस के डॉ. अखिलेश सिंह का कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो रहा है। विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से छठी सीट के लिए गुणा-गणित हो सकता है।
अबतक सार्वजनिक नहीं हुए नाम
प्रत्याशियों का नाम अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन सामाजिक समीकरण और नेतृत्व की कसौटी वाले चेहरों पर पार्टी के अंदरखाने चर्चा लगभग अंतिम दौर में है।
एनडीए के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात के दौरान एनडीए की 22 अधिशेष सीट पर भी मंत्रणा हो सकती है। इसमें भाजपा की आठ, जदयू के 10 एवं मांझी की पार्टी की चार मत सम्मिलित है।
चरम पर खींचतान
राजग ही नहीं महागठबंधन में भी एक-एक सीट को लेकर खींचतान की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भाकपा माले, भाकपा और माकपा की ओर से माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य को राज्यसभा में भेजने की मांग हो रही है।
तर्क यह कि 19 विधायकों की संख्या के आधार पर कांग्रेस को राज्यसभा एवं विधान परिषद में जगह दी जा सकती है तो 16 विधायक वाले वाम दलों को क्यों नहीं। राज्यसभा में एक सीट मिले। वाम दलों की ओर से विधान परिषद में भी एक सीट की मांग की जा रही है।
एक सीट के लिए 35 वोट चाहिए
विधानसभा के 243 विधायक राज्यसभा के लिए मतदान करेंगे। एक सीट पर जीत के लिए 35 विधायकों का प्रथम वरीयता का वोट चाहिए।
यह सदस्य संख्या महागठबंधन और राजग के तीन-तीन सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ करता है। लेकिन, अगर सातवां उम्मीदवार मैदान में आ जाए तो चुनाव की स्थिति बन जाएगी।
आम तौर पर बड़े दल रिक्ति से अधिक उम्मीदवार की कामना नहीं करते हैं। ऐसे उम्मीदवार क्रास वोटिंग पर आश्रित रहते हैं, जिसका डर सभी दलों को रहता है।
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