कोरोना के कम्युनिटी सर्वे को चार जिलों में जाएंगे वैज्ञानिक, तीसरा फेज है ज्याद खतरनाक
अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों का दल कोरोना वायरस का कम्युनिटी के असर पर सर्वे करेगा।
पटना, जेएनएन। कोरोना का असर कम्युनिटी पर क्या पड़ रहा है या असर पड़ने की क्या संभावना है? इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों का दल कम्युनिटी सर्वे करेगा।
इस दिशा में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद से दिशा-निर्देश प्राप्त होने का इंतजार है। यह बातें आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने कहीं। निदेशक ने बताया कि कोरोना वायरस का प्रकोप तीसरे फेज में आ गया है। यह चौथे फेज में न पहुंचे इसके लिए सरकार ठोस रणनीति के तहत योजनाबद्ध ढंग से काम कर रही है।
जल्द शुरू हो जाएगा काम
इसी कड़ी में बिहार के सिवान, सारण, चंपारण, गोपालगंज जिलों में कम्युनिटी सर्वे किया जाएगा। सर्वे के लिए वैज्ञानिकों की टीम तैयार करने की दिशा में कार्रवाई जारी है। आइसीएमआर से गाइड लाइन मिलते ही जल्द यह काम शुरू हो जाएगा। निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने बताया कि सर्वे के लिए जिन चार जिलों का चयन किया गया है वहां के अधिसंख्य लोग विदेशों एवं देश के विभिन्न राज्यों में काम करते हैं। चंपारण जिला की सीमा नेपाल से सटी है। उन्होंने बताया कि कोरोना के चार फेज होते हैं। पहले फेज में इसका संक्रमण व्यक्तिगत होता है। दूसरे फेज में संक्रमित व्यक्ति से परिवार में फैलता है। तीसरे फेज में संक्रमित लोगों से समाज में फैलता है। और अंतिम फेज में इसका प्रकोप हर जगह हो जाता है।