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मणिपुर में भी बालिका गृह यौन हिंसा का बड़ा कांड, जानिए इसका बिहार कनेक्शन

मणिपुर में भी बिहार के बालिका गृहों की तरह बच्चियों के साथ हुए यौनहिंसा का बड़ा खुलासा हुआ है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस मामले का बिहार से कनेक्शन निकल आया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 09:34 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 10:54 PM (IST)
मणिपुर में भी बालिका गृह यौन हिंसा का बड़ा कांड, जानिए इसका बिहार कनेक्शन
मणिपुर में भी बालिका गृह यौन हिंसा का बड़ा कांड, जानिए इसका बिहार कनेक्शन

पटना, प्रशांत कुमार।  बिहार के बालिका गृहों में हुई यौन हिंसा की तरह का ही मामला मणिपुर में उजागर हुआ है। खास बात यह कि इस मामले का भी बिहार कनेक्शन निकल आया है। मणिपुर के चुड़ाचंद्रपुर जिले के बालिका गृह में रहने वाली 14 किशोरियों का यौन शोषण करने के आरोपित तीमुथियुस एल. चांगसन (55) की खोज बिहार में की जा रही है।

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मणिपुर पुलिस ने चांगसन के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी कर दिया है। अपराध अनुसंधान विभाग की कमजोर वर्ग इकाई के एसपी के माध्यम से नोटिस की कॉपी सभी जिलों एवं रेल थानों को भेज दी गई है।

एसपी ने पत्र में सभी थानों को निर्देश दिया है कि चांगसन के बारे में किसी तरह की सूचना प्राप्त होने पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाए। साथ ही जानकारी मिलने पर चुड़ाचंद्रपुर जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक को सूचना दी जाए।

25 फरवरी को दर्ज हुई प्राथमिकी

जानकारी के अनुसार मणिपुर के चुड़ाचंद्रपुर जिले में एनईसीएच नामक बालिका गृह है, जिसमें उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के किशोर रहते हैं। इस संस्था का प्रशासक तीमुथियुस एल. चांगसन था। 25 फरवरी 2015 को वहां के महिला थाने में एनईसीएच में रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी के बयान पर चांगसन के विरुद्ध यौन उत्पीडऩ का मामला दर्ज हुआ था।

तीन साल से कर रहा था यौन शोषण

पीडि़त किशोरी ने पुलिस को बताया था कि दिसंबर, 2012 से प्रशासक चांगसन लगातार उसका यौन शोषण करता आ रहा है। उसने यह भी बताया कि चांगसन ने अपने घर में रहने वाली एक और किशोरी का यौन शोषण किया है। इसके बाद पुलिस ने उस लड़की का भी बयान लिया।

दोनों पीडि़त किशोरियों के मुताबिक उन्होंने कई बार विरोध करने की कोशिश की, पर चांगसन उन्हें जान से मारने की धमकी देता था। पड़ताल के क्रम में जानकारी मिली कि चांगसन ने 14 किशोरियों को हवस का शिकार बनाया है। पुलिस ने जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

जुलाई में मिल गई थी जमानत

छह जुलाई, 2015 में उसे मणिपुर हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। लेकिन, जब जनवरी, 2016 में पॉस्को की विशेष अदालत में कांड का ट्रायल शुरू हुआ। इस दौरान जानकारी मिली कि जून, 2015 में आरोपित ने प्रशासक के पद से इस्तीफा दे दिया था। ट्रायल के वक्त लगातार अनुपस्थित रहने पर अदालत ने उसे फरार घोषित कर दिया।


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