सुप्रीम कोर्ट ने कहा: राष्ट्र निर्माता होते हैं शिक्षक, मिलना चाहिए अधिक वेतन
बिहार के 3.70 लाख नियाेजित शिक्षकों के वेतन पर गुरुवार को आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अब अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी।
By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 02 Aug 2018 08:58 AM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 04:37 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार के 3.70 लाख नियोजित शिक्षकों के समान काम, समान वेतन पर सुनवाई अब अगले हफ्ते होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए सात अगस्त की तिथि तय की है। इसके पहले गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं, उन्हें अधिक वेतन मिलना चाहिए।
कोर्ट ने जाना सरकार का पक्ष
गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस एएम सप्रे और यूयू ललित की खंड पीठ ने बुधवार की अधूरी कार्रवाई को आगे बढ़ाया और बिहार सरकार के अधिवक्ताओं से समान काम के बदले समान वेतन पर उनका पक्ष जाना।
गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं उन्हें अधिक से अधिक वेतन मिलना चाहिए ताकि शिक्षक ईमानदारी पूर्वक अपना छात्रों का भविष्य संवार सकें और राष्ट्र की सेवा कर सकें। कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्षकारों से पूछा के वर्तमान सिस्टम सुधारने और नियोजन व्यवस्था को खत्म करने में कितना वक्त लगेगा। कोर्ट ने पक्षकारों से यह भी जानना चाहा कि नियोजित शिक्षकों के वेतन का निर्धारण और नियमावली बनाने का आदेश कौन देता है।
अगली सुनवाई सात अगस्त को
31 जुलाई से प्रारंभ हुआ सुनवाई का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। अब इस मामले की सुनवाई अगले मंगलवार सात अगस्त को होगी। यहां बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में सर्विस से जुड़े मामलों की सुनवाई मंगलवार से गुरुवार के बीच ही होती है। सनद रहे कि समान काम के बदले समान वेतन के मसले पर पटना हाईकोर्ट ने बीते वर्ष अक्टूबर में नियोजित शिक्षकों के हक में फैसला दिया था। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने अपील की है।
कोर्ट ने जाना सरकार का पक्ष
गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस एएम सप्रे और यूयू ललित की खंड पीठ ने बुधवार की अधूरी कार्रवाई को आगे बढ़ाया और बिहार सरकार के अधिवक्ताओं से समान काम के बदले समान वेतन पर उनका पक्ष जाना।
गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं उन्हें अधिक से अधिक वेतन मिलना चाहिए ताकि शिक्षक ईमानदारी पूर्वक अपना छात्रों का भविष्य संवार सकें और राष्ट्र की सेवा कर सकें। कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्षकारों से पूछा के वर्तमान सिस्टम सुधारने और नियोजन व्यवस्था को खत्म करने में कितना वक्त लगेगा। कोर्ट ने पक्षकारों से यह भी जानना चाहा कि नियोजित शिक्षकों के वेतन का निर्धारण और नियमावली बनाने का आदेश कौन देता है।
अगली सुनवाई सात अगस्त को
31 जुलाई से प्रारंभ हुआ सुनवाई का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। अब इस मामले की सुनवाई अगले मंगलवार सात अगस्त को होगी। यहां बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में सर्विस से जुड़े मामलों की सुनवाई मंगलवार से गुरुवार के बीच ही होती है। सनद रहे कि समान काम के बदले समान वेतन के मसले पर पटना हाईकोर्ट ने बीते वर्ष अक्टूबर में नियोजित शिक्षकों के हक में फैसला दिया था। जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने अपील की है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें