महिलाओं की सुरक्षा समाज की भी जिम्मेवारी
जिस तेजी के साथ हमारे समाज में यौन शोषण की घटनाएं घट रही हैं इससे चिंता बढ़ी है।
पटना, जेएनएन। जिस तेजी के साथ हमारे समाज में यौन शोषण की घटनाएं घट रही हैं, इसमें दो-राय नहीं कि महिलाएं कहीं भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं। घर हो या बाजार हर वक्त उन्हें बस एक डर सताते रहता है कि कहीं उनके साथ कुछ ऐसी घटना ना घट जाए। उक्त बातें सोमवार को दैनिक जागरण द्वारा आयोजित 'बेटियों का यौन शोषण अब बस' जागरुकता अभियान के तहत संगिनी क्लब के सदस्यों ने कहीं।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत ली मार्शल आर्ट के प्रशिक्षु बच्चों ने सेल्फ डिफेंस के कुछ स्टेप का प्रदर्शन कर किया। सेल्फ डिफेंस स्टेप प्रदर्शन करने वालों में अविनाश कुमार, आयुष कुमार गुप्ता, विकास कुमार शर्मा, मोहन लाल आर्या, शंकर, स्नेहलता, काजल गिरी, रूपाली तुलस्यान शामिल थीं। इस मौके पर एक नाटक का भी आयोजन किया गया। इसमें लड़की हमारे समाज कितनी असुरक्षित है, यह दिखाया गया। कार्यक्रम का आयोजन आनंदपुरी स्थित देवी मंदिर के समीप किया गया। इस दौरान ब्रांड विभाग की असिस्टेंट मैनेजर सरिता मिश्रा और क्लब के संयोजक समन्वयक आनंद झा उपस्थित थे।
वर्तमान समय में सभी महिलाओं को सजग रहने की जरूरत है। हमें यौन शोषण जैसी घटनाओं के खिलाफ मिलकर आवाज उठानी होगी। डॉ. मोनी त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष, संगिनी क्लब दुष्कर्म जैसी घटनाओं के खिलाफ पूरे समाज को एकजुट होकर आगे आना होगा। हम अगर अभी से एकजुट नहीं हुए तो ऐसी घटनाएं होती रहेगी। जनक किशोरी देवी, आनंदपुरी दैनिक जागरण द्वारा चलाये जा रहे जागरुकता अभियान की सराहना करती हूं और धन्यवाद देती हूं की इस जागरुकता अभियान की शुरुआत वार्ड-23 से हुई है।
प्रभा देवी, वार्ड पार्षद, वार्ड 23 मुसीबत के समय में हमें एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। ये सोच कर पीछे ना हटें कि ये घटना हमारे परिवार के साथ नहीं घटी है। कल आपके परिवार के साथ ऐसी घटना घट सकती है। सीमा रानी, सदस्य, संगिनी क्लब दुष्कर्म जैसे मामलों में दया याचिका की प्रक्रिया समाप्त होनी चाहिए और मामले की त्वरित जांच कर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि दुष्कर्म करने वाले में खौफ कायम हो।
हेमलता, आनंदपुरी बाहर के लोगों के साथ-साथ महिलाओं का अपनों पर से भी भरोसा उठता जा रहा है, क्योंकि दुष्कर्म के कई मामलों में अपने ही लोग शामिल होते हैं। पुष्पा तिवारी, राजीव नगर महिलाओं को आत्मरक्षा के गुण सीखने होंगे, ताकि मुसीबत के समय में वो अपनी रक्षा खुद कर सकें। हमारी चुप्पी ऐसे अपराध को बढ़ावा देती है। रजनी देवी, आनंदपुरी सिर्फ कैंडल मार्च निकालने से कुछ नहीं होने वाला। हमें ऐसे दुष्कर्म के भेड़ियों के खिलाफ खुद ही कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। नहीं तो ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।