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मृत मरीज को दो दिन तक आइसीयू में रख ऐंठ रहे थे रुपये, हंगामा

कंकड़बाग थाने के पास स्थित श्री साई अस्पताल पर इलाज के नाम पर रुपये ऐंठने का मामला प्रकाश में आया है। तीमारदारों का आरोप है कि मरीज की मौत के बाद भी दो दिनों तक भर्ती रखा। उन्हें मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था। जबरन अंदर गए तो मृत देखकर गुस्सा फूट पड़ा। उसके बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 07:41 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 07:41 AM (IST)
मृत मरीज को दो दिन तक आइसीयू में रख ऐंठ रहे थे रुपये, हंगामा
मृत मरीज को दो दिन तक आइसीयू में रख ऐंठ रहे थे रुपये, हंगामा

पटना । कंकड़बाग थाने के पास स्थित श्री साई अस्पताल पर इलाज के नाम पर रुपये ऐंठने का मामला प्रकाश में आया है। तीमारदारों का आरोप है कि मरीज की मौत के बाद भी दो दिनों तक भर्ती रखा। उन्हें मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था। जबरन अंदर गए तो मृत देखकर गुस्सा फूट पड़ा। उसके बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। गुरुवार देर शाम थाने में लिखित शिकायत की गई है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने आरोप को निराधार बताया है।

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मरीज के देवर राकेश कुमार ने बताया कि भारती कुमारी को लो बीपी की शिकायत होने पर श्री साई अस्पताल में भर्ती कराया। मरीज को आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। उसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था। गुरुवार को शक हुआ तो वे लोग अपने रोगी से मिलने पर अड़ गए। इसी को लेकर अस्पताल प्रबंधन से नोकझोंक होने लगी। किसी तरह आइसीयू में गए तो मरीज को मृत पड़ा देखा। इसके बाद विरोध करते हुए कारण पूछा तो अस्पताल प्रबंधन ने हमलोगों की धुनाई कर दी।

स्वजन राकेश कुमार ने बताया कि दो दिन पहले ही उनके रोगी की मौत हो गई थी। इसके बावजूद उनसे 1.20 लाख रुपये वसूल लिया गया। गुरुवार को जब हंगामा होने लगा तो कहा गया कि उनके रोगी की मौत अभी थोड़े देर पहले ही हुई है। राकेश ने बताया कि देर शाम को जब थाने पर प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचे तो अस्पताल प्रबंधन के गुर्गे वहां भी पहुंच गए और मारपीट करने लगे। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप पर वे लोग भागे। देर शाम को थाने को लिखित शिकायत कर दी गई है।

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कोविड-19 संक्रमण के कारण आइसीयू में मरीज के स्वजनों के जाने की मनाही है। इसी कारण भारती कुमारी के स्वजनों को अंदर नहीं आने दिया गया था। गुरुवार को मरीज के मरने की सूचना दी गई। उसके बाद वे लोग हंगामा करने लगे। तोड़फोड़ करने लगे तो उन्हें जबरन बाहर कर दिया गया।

डॉ. अखिलेश सिंह, प्रबंध निदेशक, श्री साई हास्पिटल, पटना


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