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एक चूल्हे पर पकी रोटियां रिश्तों में घोल रही मिठास

आज के दौर में संयुक्त परिवार देखना दुर्लभ वस्तुओं को देखने से कम नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 01:24 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 01:24 AM (IST)
एक चूल्हे पर पकी रोटियां रिश्तों में घोल रही मिठास
एक चूल्हे पर पकी रोटियां रिश्तों में घोल रही मिठास

जासं, पटना। आज के दौर में संयुक्त परिवार देखना दुर्लभ वस्तुओं को देखने से कम नहीं है। अब परिवार संजोए रखना सबसे बड़ी चुनौती है, जबकि भारतीय संस्कृति की बुनियाद परिवार से ही हैं। 1993 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 15 मई को अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद से प्रतिवर्ष दिवस को मनाया जाता रहा है।

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परिवार के रिश्तों की अहमियत को बनाए रखने में नया टोला व‌र्द्धमान नगर जैन कॉलोनी के अनिल कुमार जैन बखूबी निभा रहे हैं। इनके परिवार में 14 सदस्य हैं। अनिल कुमार जैन ने बताया कि वे पांच भाई और दो बहन हैं। दो बहनों की शादी हो गई है। पांच भाइयों का परिवार एक ही छत के नीचे रहता है। रिश्तों में मिठास घोलने के साथ एक-दूसरे के सुख-दुख में भागी होते हैं। बताते हैं कि परिवार कई पीढि़यों के साथ शहर में रह रहा है। इस परंपरा को हम सभी भाई आगे बढ़ाने में लगे हैं। सभी का भोजन एक चूल्हे पर बनता है। भोजन भी लोग परिवार के साथ बैठकर एक साथ करते हैं।

अनिल बताते हैं कि हमारे पूर्वज भी इस बात पर जोर देते थे कि परिवार के सभी लोग एक साथ रहेंगे, तो कोई भी कमजोर नहीं कर सकता। परिवार की एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। घर को चलाने में पुरुषों के साथ महिलाओं को भी योगदान है। घर में भोजन बनाने या अन्य कार्यो को लेकर कभी कोई विवाद नहीं रहा। सभी अपने-अपने कार्यो में योगदान देते हैं। संस्कारों से जुड़े इस परिवार में बड़े-छोटे सभी अपने दायित्वों का निर्वहन करते आ रहे हैं।


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