राज्य की 13 जगहों से तीन देशों के बीच पथ परिवहन सेवा होगी शुरू
राज्य की 13 जगहों से चार देशों के बीच पथ परिवहन सेवा शुरू होगी। हालांकि भूटान के सदन ने इस करार को खारिज कर दिया है इसलिए तीन देश ही शामिल रहेंगे।
पटना [जितेन्द्र कुमार]। बीबीआइएन (बांग्लादेश, भूटान, इंडिया और नेपाल) के बीच मोटरयान करार से बिहार में पर्यटन के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बढ़ेगा। राज्य की 13 जगहों से चार देशों के बीच पथ परिवहन सेवा शुरू होगी। हालांकि भूटान के सदन ने इस करार को खारिज कर दिया है इसलिए तीन देश ही शामिल रहेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा नेपाल सरकार के साथ मोटरयान एग्रीमेंट के तहत बोधगया से काठमांडू तक बस सेवा आरंभ हो चुकी है। उधर बांग्लादेश की राजधानी ढाका से कोलकाता के बीच भी बस सेवा शुरू हुई है। बिहार में नेपाल से सीधे बस और टैक्सी आवागमन के लिए 13 जगहों पर तैयारी की गई है।
इनमें किशनगंज के गलगलिया, जोगबनी, भीम नगर, कुनौली, लौकहा, जयनगर, पिपरौन, भिट्ठा मोड़, सोनवर्षा, बैरगनिया, रक्सौल, सिकटा और वाल्मिकीनगर शामिल हैं। सभी जगहों पर केंद्रीय सीमा शुल्क एवं उत्पाद विभाग की चेकपोस्ट से वाहनों को गुजरने के लिए मामूली औपचारिकता अब पूरी करनी होगी।
सरकार ऐसे वाहनों, जो नेपाल, बांग्लादेश और भारत (बिहार) में आवागमन करना चाहें उसे निर्धारित अवधि के लिए परमिट जारी किया जाएगा। परमिट जारी होने के साथ संबंधित देश का एक अस्थायी नंबर मिलेगा जिसके आधार पर वाहन को आने-जाने में कोई रोक नहीं होगी।
बिहार को फायदा
नेपाल और भूटान के बौद्ध पर्यटक बोधगया घूमने आते हैं। भूटान से फिलहाल वहां की सरकार ने पथ परिवहन सेवा पर मुहर नहीं लगाई लेकिन नेपाल से बड़ी संख्या में पर्यटक बिहार आ सकेंगे। पर्यटकों के साथ व्यापार को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है।
भारत सरकार के साथ करार के अभाव में नेपाली गाडिय़ों को बिहार में आने की अनुमति नहीं मिल पाती थी। नेपाल में भारतीय गाडिय़ों को वहां के भंसाल से टैक्स लेकर नंबर दिया जाता था। अब दोनों देशों के बीच समान सहूलियत पथ परिवहन के लिए मिल सकेगी।
चार देशों के बीच पथ परिवहन करार 2015 से लंबित था जिसकी मंजूरी के बाद केंद्रीय सीमा शुल्क एवं उत्पाद विभाग आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर रहा है। इसी करार के तहत बिहार में 13 जगहों से आवागमन आरंभ हो सकेगा।