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सुबह में होती सड़क की मरम्‍मत, रात में बालू लदे ओवरलोड वाहनों की वजह से बिगड़ जाती है सूरत

रोहतास जिले में बालू लदे आेवरलोड वाहन सड़कों की दशा बिगाड़ रहे हैं। भारी वाहनों के कारण सड़कें टूट रही हैं। लेकिन विभाग इस ओर से बेपरवाह बना हुआ है। जर्जर सड़क की वजह से आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 06:51 PM (IST)
रोहतास जिले में एक ओर सड़क सुरक्षा के नाम पर लंबी चौड़ी कवायद चल रही है।

डेहरी ऑन-सोन ( रोहतास\गया)। रोहतास जिले में एक ओर सड़क  सुरक्षा के नाम पर लंबी चौड़ी कवायद चल रही है। दूसरी और खुद सरकारी महकमा इस मुहिम पर पलीता लगाने में लगा हुआ है। ओवरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लगने से सड़कें बर्बाद हो रही हैं। एनएचएआइ जहां सुबह में क्षतिग्रस्त सड़क पर हाॅटमिक्स कराता है रात में ओवरलोड बालू लदे वाहन उसे गड्ढा में तब्दील कर देते हैं। लेकिन इस ओर से विभाग पूरी तरह बेपरवाह बना हुआ है। हालांकि अधिकारी इसके पीछे अन्‍य कारण बताते हुए अपनी समस्‍या गिनाते हैं।

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डेहरी-तिलौथू राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो सी में तार बंगला पुल एप्रोच पथ के दोनों ओर जब से ओवरलोड बालू लदे ट्रकों का इस मार्ग पर परिचालन हो रहा है, तब से सड़क तेजी से क्षतिग्रस्त हो रही है। स्थानीय विनोद सिंह समेत अन्य का कहना है कि दुर्घटना की आशंका से सहमे वाहन चालक समेत स्थानीय लोगों ने कई बार सड़क की हालत सुधारे जाने की मांग की लेकिन विभाग सिर्फ क्षतिग्रस्त जगहों पर ही हाॅटमिक्स कर मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति कर देता है। ऐसे में भारी वाहनों की आवाजाही से  हाॅटमिक्स उखडऩे लगता है। नतीजा होता है कि सड़क की स्थिति जस की तस रह जाती है। लेकिन कोई ध्‍यान दे तब न।

नए सिरे से होगा एप्रोच रोड का निर्माण

इस संबंध में कार्यपालक अभियंता जियाउद्दीन ने कहा कि तारबंगला के दोनों तरफ एप्रोच पथ नीचे से मजबूत नहीं होने के कारण बार-बार खराब हो जा रहा है। हदहदवा पुल के समीप एक अन्य पुल बनने से यह समस्या उत्पन्न हो रही है। बहुत जल्द ही नए पुल पर परिचालन शुरू हो जाने के बाद एप्रोच पथ को बंद करके इसे काट कर बनाया जाएगा। इस पुल का कैपिसिटी 70 टन है, फिर भी लगातार ओवरलोड वाहन चलने से खतरा बना हुआ है। इसको लेकर एनएचएआइ मुख्यालय ने अधिकारियों को पत्र लिखा है।


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