बिहार: नक्सल प्रभावित जिलों में 1200 करोड़ रुपए की लागत से सड़क निर्माण
बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों में 1200 करोड़ रुपये की लागत से 800 किमी सड़क का निर्माण किया जायेगा। पहली बार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृति मिली है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। सूबे के नक्सल प्रभावित जिलों में 1200 करोड़ रुपए की लागत से 800 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों में सड़क निर्माण के लिए योजनाओं की अनुमति दे दी है। निर्माण की लागत राशि 1200 करोड़ में 480 करोड़ रुपए राज्य सरकार को खर्च करने हैैं। मुख्यमंत्री के स्तर पर नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण योजना का प्रेजेंटेशन हो चुका है।
नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए स्वीकृत 43 सड़कों का निर्माण पथ निर्माण विभाग की देखरेख में कराया जाना है। ऐसा पहली बार हुआ है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण के लिए योजनाओं की स्वीकृति प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मद में हुई है। इस वजह से योजना 60 और 40 के अनुपात में क्रियान्वित होगी। 60 प्रतिशत राशि केंद्र व 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को लगानी है।
पथ निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कें डीएलपी मोड के साथ बनेगी। इसके तहत यह प्रावधान है जिस निर्माण कंपनी द्वारा नक्सल प्रभावित इलाके में सड़क का निर्माण कराया जाएगा वह निर्माण कंपनी पांच वर्षों तक उस सड़क के रख रखाव का काम भी देखेगी। सभी सड़कें दो लेन में बनेंगी।
नक्सल प्रभावित नौ जिले क्रमश: औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, अरवल, जमुई, नवादा, रोहतास, मुंगेर और कैमूर में सड़क निर्माण के लिए वर्ष 2012 में आईएपी योजना के तहत सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने अनुमति दी थी। इसके लिए अलग राशि आवंटित की गई थी। इस बार आवंटन की जगह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण की योजना स्वीकृत की गई है। ऐसे में राज्य सरकार को भी अपनी ओर से राशि लगानी होगी।