कुशवाहा की खीर हुई फीकी, कहा-ना मैंने राजद से मांगा दूध, ना ही भाजपा से मांगी चीनी
उपेंद्र कुशवाहा के खीर वाले बयान पर मचे सियासी हलचल के बाद कुशवाहा ने अपने बयान को पलटते हुए कहा कि ना मैंने राजद से दूध मांगा ना ही भाजपा से चीनी मांगी है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बीपी मंडल के जन्म शताब्दी समारोह में खीर वाला बयान देकर प्रदेश की सियासत गरमा देने के महज दो दिनों के बाद ही रालोसपा प्रमुख सह केन्द्रीय राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा बैकफुट पर आ गए हैं। कुशवाहा का मकसद सहयोगी दल भाजपा पर दबाव बनाने एवं महागठबंधन में जाने का विकल्प खुला रखना था, मगर उनका दांव उल्टा पड़ गया।
महागठबंधन ने कुशवाहा को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। पूर्व मुख्यमंत्री सह हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी तक ने दो नाव पर सवारी न करने की नसीहत तक दे डाली। भाजपा के नेताओं ने भी कुशवाहा को खरी- खोटी सुना दी।
भाजपा के कड़े तेवर और महागठबंधन की तरफ से अपेक्षित संकेत न मिलता देखकर रालोसपा प्रमुख ने 'खीर' राजनीति के बयान को लेकर अपनी सफाई दी। सोमवार को पटना एयरपोर्ट पर कुशवाहा ने पत्रकारों से कहा कि मेरे खीर वाले बयान को किसी जाति या पार्टी से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। मैंने राजद से ना दूध और ना ही भाजपा से चीनी मांगी। एनडीए एकजुट है, कोई विवाद नहीं है और 2019 के चुनाव में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं।
बता दें कि एनडीए में जदयू के शामिल होने के बाद से कुशवाहा असहज महसूस कर रहे हैं और बार- बार विवादित बयान देकर प्रदेश की सियासत को गरमा देते हैं। प्रदेश की खराब विधि व्यवस्था के आधार पर अगले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार का चेहरा आगे न करने की बात कह चुके हैं। कुशवाहा कई दफा सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर पर सवाल उठाकर नीतीश पर निशाना साध चुके हैं।
कुशवाहा चाहते हैं दो नाव पर सवारी करना : मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री सह हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने उपेन्द्र कुशवाहा के खीर का जायका खराब कर दिया। सोमवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मिलने के बाद मांझी ने पत्रकारों से कहा कि कुशवाहा के खीर में एससी और एसटी शामिल नहीं है। इन दोनों के बिना खीर का स्वादिष्ट बनना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कुशवाहा दो नावों पर सवारी करना चाहते हैं, मगर उनका पता नहीं है कि दो नावों पर सवारी करने वाले डूब जाते हैं।