कुशवाहा ने नीतीश को फिर लिखी चिट्ठी, कहा- शॉट टर्म पॉलिसी बनाकर मजदूरों को रोजी-रोटी दे सरकार
रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार को फिर चिट्ठी लिखी। उन्होंने इसके माध्यम से कई सुझाव दिए हैं। इसके पहले कुशवाहा ने 14 मई को भी पत्र लिखा था।
पटना, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने प्रवासी मजदूरों को गांव-कस्बे में रोजगार मुहैया कराने के संबंध में कई सुझाव दिए हैं। कुशवाहा ने चिट्ठी में कहा है कि हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती मजदूरों को काम मुहैया कराना है। इसके लिए सरकार शॉटटर्म पॉलिसी बना कर मजदूरों को प्रदेश में ही रोजी-रोटी मुहैया करा सकती है।
रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सुझाव दिया है कि मनरेगा के मजदूरों का खेतिहर मजदूर के रूप में इस्तेमाल करने से रोजगार का एक बड़ा क्षेत्र उपलब्ध हो सकता है। साथ ही किसानों को अपनी इनपुट लागत कम करने में भी बड़ी मदद मिल सकती है। अगले तीन माह तक विभिन्न विभागों द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को लेबर इंटेंसिव बनाया जाए।
उन्हाेंने कहा कि प्रवासी और स्थानीय मजदूरों को बकरी पालन के काम में लगाया जाए। लॉकडाउन में प्रदेश लौट रहे मजदूरों की दुर्घटना या अन्य कारणों से मौत होने पर उनके परिजनों को 10-10 लाख रुपये तथा घायलों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान रालोसपा प्रमुख कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता अचानक बढ़ा दी है। वे लगातार विभिन्न मुद्दों को लेकर सामने आ रहे हैं। ट्विटर के अलावा इन दिनों वे फेसबुक लाइव पर भी अपनी सक्रियता तेज कर दी है।
इतना ही नहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने 14 मई को सीएम नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी। उस चिट्ठी में उन्होंने केंद्र के सामने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग का मसला उठाने को कहा था। उन्होंने चिट्ठी में लिखा था कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां ठप हैं। लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस आ रहे हैं। किसान, मजदूर, दुकानदार और छोटे-छोटे रोजगार करने वाले लोगों पर बड़ी मार पड़ी है। आने वाले दिनों में बिहार के सामने उनको रोजगार मुहैया कराने की बड़ी चुनौती होगी।