MY समीकरण के ठप्पे से बाहर निकलेगा RJD, पार्टी ने SC-ST-OBC के लिए लिए उठाया बड़ा कदम
राजद ने शुरू की मुस्लिम-यादव (माय) समीकरण के साये से निकलने की कोशिश। प्रत्येक बूथ पर लालू के प्रतिनिधि की अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास।
पटना, राज्य ब्यूरो। राजद संगठन में एससी-एसटी एवं ओबीसी वर्ग के लिए 45 फीसद पदों को आरक्षित कर दिया गया है। शेष 55 फीसद पद अनारक्षित रहेंगे, जिसमें सभी वर्गों का समायोजन होगा। रोस्टर के हिसाब से इसे हर बार बदला जाएगा। राजद में इसे लालू-राबड़ी राज के मुस्लिम-यादव (माय) समीकरण के साये से बाहर निकलने का प्रयास माना जा रहा है। रणनीतिकारों का मानना है कि इस समीकरण के चलते राजद के प्रति अन्य वर्गों का आकर्षण कम होता जा रहा है।
बैठक में दी गई मंजूरी
राजद के संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सरकारी आवास में बुलाई गई बैठक में राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। संचालन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने किया। बैठक में राजद के विधायकों, विधान पार्षदों, जिला निर्वाचन पदाधिकारियों, सहायक जिला निर्वाचन पदाधिकारियों एवं जिलाध्यक्षों ने शिरकत की, जिसकी अध्यक्षता राजद के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. तनवीर हसन ने की। इस दौरान राजद के राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी जगदानंद सिंह, सहायक राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी चितरंजन गगन, मदन शर्मा, निराला यादव, डॉ. पे्रम कुमार गुप्ता, निर्भय अंबेदकर, उदय नारायण चौधरी, सलीम परेवज, कांति सिंह, अशोक कुमार सिंह, शिवचंद्र राम, इंद्रदेव प्रसाद, विनोद यादव एवं रामनारायण मंडल उपस्थित थे।
10 दिसंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव
25 नवंबर को प्रदेश अध्यक्ष एवं 10 दिसंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराना है। इसलिए आरक्षित प्रखंडों का रोस्टर संबंधित जिलों को सौंप दिया गया है। आरक्षित पंचायत अध्यक्षों के चयन का जिम्मा जिलों को दिया गया है। जगदानंद ने निर्देश दिया है कि जिस जिला एवं विधानसभा क्षेत्र की सदस्यता सूची राज्य कार्यालय से अनुमोदित हो चुकी है, वहां उक्त नई आरक्षण व्यवस्था के तहत चुनाव कराए जाएं। जिनकी सदस्यता सूची का अनुमोदन नहीं हुआ है, वे जल्द बूथ, पंचायत, प्रखंड, विधानसभा एवं जिलावार सूचीबद्ध कर अनुमोदन प्राप्त कर कर चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ाएं।
सभी बूथों पर होंगे लालू के प्रतिनिधि
राजद ने लालू प्रसाद के प्रति समर्थकों के लगाव को भुनाने का प्रयास किया है। इसके तहत प्रत्येक बूथ पर लालू के प्रतिनिधि की अवधारणा को आगे बढ़ाया है। राजद का मानना है कि लालू का करिश्मा अभी भी कायम है। इसलिए 'हमारा बूथ सबसे मजबूत' की बुनियाद पर काम करने से ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने में कामयाबी मिल सकती है।