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Citizenship Amendment Bill, नीतीश के फैसले को शिवानंद ने सराहा, लेकिन कही ये बात

राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत किया है। लेकिन इस फैसले पर संशय भी जाहिर किया है। जानिए क्या कहा है....

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 04:14 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 10:16 PM (IST)
Citizenship Amendment Bill, नीतीश के फैसले को शिवानंद ने सराहा, लेकिन कही ये बात
Citizenship Amendment Bill, नीतीश के फैसले को शिवानंद ने सराहा, लेकिन कही ये बात

पटना, जेएनएन। राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार के नागरिकता संशोधन विधयेक के विरोध की घोषणा करने का एक तरफ स्वागत किया है तो वहीं इस घोषणा पर संशय की बात भी कही है। शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार की इस घोषणा का मैं स्वागत करता हूं। लेकिन इस विरोध का स्वरूप  कैसा होगा? इसको लेकर संशय हो रहा है। क्योंकि इसके पहले उन्होंने तीन तलाक कानून तथा संविधान के अनुच्छेद 370 को भी हटाने का विरोध किया था। लेकिन वह विरोध औपचारिक और दिखावटी साबित हुआ है।

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कहते कुछ और करते कुछ हैं जदयू के लोग

शिवानंद तिवारी ने कहा कि क्योंकि उपरोक्त दोनों अवसरों पर नीतीश जी की पार्टी के सांसदों ने भाषण तो जरूर विरोध में किया। लेकिन जब पक्ष-विपक्ष में वोट डालने का अवसर आया तो उन्होंने सदन से वॉकअाउट कर गए।  इस प्रकार उपरोक्त दोनों अवसरों पर अप्रत्यक्ष ढंग से नीतीश जी ने भाजपा की मदद ही की थी। 

संविधान की आत्मा का हनन करता है ये विधेयक

नागरिकता संशोधन विधेयक हमारे संविधान की आत्मा का हनन करता है। साथ ही इस विधेयक के विरोध में देश की उत्तरी-पूर्वी सीमा पर स्थित सभी आठ राज्यों के नागरिक मोदी सरकार के विरुद्ध बग़ावत की मुद्रा में हैं।पांच हज़ार किलोमीटर से ज़्यादा लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर का यह इलाक़ा है, जबकि उन्हीं में एक अरुणाचल प्रदेश पर तो चीन की नाजायज दावेदारी है।

इस विधेयक से हो सकती है परेशानी 

उन्होंने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीति से दुनिया वाक़िफ़ है। सामान्य बुद्धि के मुताबिक़ किसी भी मुल्क का यह प्राथमिक दायित्व है कि वह कोई ऐसा कदम नहीं उठाए जिसकी वजह से उसके सीमा क्षेत्र के नागरिकों के बीच असंतोष पैदा हो। वह भी ऐसी हालत में जब पड़ोसी मुल्क हमारी सीमा को मान्यता नहीं दे रहा है।

शिवानंद ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी कसा तंज

पीएम मोदी सरकार की नाकाबिलियत इसी से प्रमाणित हो रही है कि एक तरफ़ हमारे मुल्क का पैदाइशी विरोधी पाकिस्तान के साथ जुड़े कश्मीर में संविधान का अनुच्छेद 370 को समाप्त कर इसने वहां के नागरिकों में गंभीर असंतोष और ग़ुस्सा पैदा कर दिया है तो, दूसरी ओर नागरिक संशोधन विधेयक के ज़रिए उत्तर-पूर्व के सीमाई इलाक़े में उथल-पुथल पैदा करने पर यह सरकार आमादा है।

संशय भरा है मोदी सरकार का ये कदम

ऐसी हालत में मोदी सरकार का यह कदम देश भक्ति की उसकी समझ पर ही गंभीर सुबहा पैदा कर रहा है।दरअसल, एक समुदाय विशेष के प्रति घोर नफ़रत के भाव ने इनको अंधा बना दिया है.। देश का हित-अहित इनकी नज़रों से ओझल हो गया है। इसलिए ऐसे कदम का जो न सिर्फ़ हमारी संवैधानिक स्थापनाओं के विपरीत है बल्कि देश की अखंडता को भी जोखिम में डालने वाला है, विरोध करना हर देशवासी का कर्तव्य है।


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