उफनती गंगा पर तैरते राजमहल से विदेशी पर्यटक पटना पहुंचे
अमेरिका हांगकांग और ब्रिटेन के पर्यटक पहुंचे पटना
पटना। उफनती गंगा में हिचकोले खाती लहरों के बीच विशालकाय क्रूज 'राजमहल' एक रात के लिए पटना में था। इस पर सवार विदेशी पर्यटकों को मोटरबोट से गायघाट स्थित भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बंदरगाह पर उतारा गया। गंगा तट पर जमा लोगों की निगाहें इन मेहमानों और क्रूज पर टिकी रहीं। आसमान में उमड़े काले बादल के बीच क्रूज किसी अजूबे की तरह लग रहा था। बाहर से देखने में यह बिलकुल साधारण सा जहाज लग रहा था। अंदर का नजारा किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं था। रिमझिम फुहार के बीच ठंडी हवा के झोंके चल रहे थे। राजमहल पर पूरी आन, बान और शान से तिरंगा लहरा रहा था। स्थल भ्रमण करके लौटे पर्यटक गंगा के दिलकश नजारे को कैमरे में कैद करते रहे। अमेरिका, हांकांग और ब्रिटेन के इन पर्यटकों की संख्या 17 थी।
राजमहल क्रूज के प्रबंधक रोमीत इन विदेशी मेहमानों की हर जरूरत का ख्याल रख रहे थे। गाइड शुभांकर सेन गुप्ता ने पर्यटकों को पटना साहिब और पटना के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले स्थलों के बारे में बताया। प्रबंधक ने जहाज के ऊपरी तल पर खुले आकाश तले मौसम का लुत्फ ले रहे इन मेहमानों को नीचे कमरे में चलने को कहा। लकड़ी की सीढि़यों से बिना आवाज किए पर्यटक दबे पांव नीचे उतरे। इनकी सहजता और शालीनता कई सबक दे गई।
प्रबंधक रोमीत ने बताया कि कोलकाता से ये विदेशी पर्यटक राजमहल क्रूज पर सवार हुए। गंगा के रास्ते सफर करने के दौरान यह कई स्थानों पर रुके। वहां के ऐतिहासिक स्थल का भ्रमण किया। पटना से चले पर्यटक मनेर, बक्सर और गाजीपुर में रुकेंगे। यहां से सीधे 20 अगस्त को बनारस पहुंचेंगे। पर्यटक डेविस, लौरेंस व अन्य ने बिहार और यहां हो रहे विकास को खूबसूरत बताया। - पहले सफर में वेलेंटाइन डे के दिन पटना पहुंचा था राजमहल
असम बंगाल नेविगेशन कंपनी के क्रूज राजमहल के मैनेजर रहे कुणाल ने बताया कि यह जहाज 2014 का निर्मित है। 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के दिन अपने पहले सफर में यह पटना पहुंचा था। तब इस पर कई विदेशी कपल सवार थे। इस वर्ष राजमहल का कोलकाता से बनारस के लिए यह पहला दौरा है। एक अगस्त को कोलकाता से चले पर्यटक विभिन्न स्थलों पर घूमते हुए 15 अगस्त की शाम गायघाट पहुंचे। 16 अगस्त की सुबह बंदरगाह से आगे के लिए चल पड़े थे। पर्यटकों ने चंदन नगर, कालना, मायापुर, मुर्शीदाबाद, राजमहल, विक्रमशिला, भागलपुर, मुंगेर आदि जगहों की सैर की। - 40 पर्यटकों के लिए राजशाही ठाठ-बाट
राजमहल में 40 पर्यटकों के लिए राजशाही ठाठ-बाट उपलब्ध है। 51 मीटर लंबा यह क्रूज पूरी तरह से वातानुकूलित है। 22 केबिन वाले इस क्रूज में 18 डबल कमरे और चार सिगल कमरे हैं। एक सैलून, लॉन, सन डेस्क, बियर बार, वाईफाई सुविधा है। एक पर्यटक के एक रात राजमहल में गुजारने का किराया लगभग 12 हजार है। न्यूनतम सात दिन का टूर प्लान है। सुकून भरे पल के साथ यादगार सफर करते हुए छुट्टियों को अनमोल बनाने के लिए दो मंजिला क्रूज में बहुत कुछ है।
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- बिहार की मधुबनी पेंटिग और बंगाल का हाथ रिक्शा प्रदर्शित
पांच सितारा होटल जैसी सुख-सुविधा वाले राजमहल के अपर डेक पर बंगाल की पहचान हाथ रिक्शा को प्रदर्शित किया गया है। विदेशी पर्यटक इसके आगे सेल्फी लेते दिखे। ब्रिटिश हुकूमत से जुड़ा यह रिक्शा दासता की दास्तान बयान करता है। आजाद भारत में एक मेहनतकश गरीब के पसीने की खुशबू का अहसास कराता यह हाथ रिक्शा राजमहल की शोभा बढ़ा रहा है। जहाज के केबिन में बिहार की मधुबनी पेंटिग को जगह दी गई है।
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- दरो दीवार पर दिखी हिन्दुस्तानी तहजीब
बेहद आकर्षक कमरों के दरीचे से गंगा का नजारा बेहद दिल लुभावन नजर आ रहा था। सफेद चादरों वाले बिस्तर का मखमली अहसास नींद को बुलाने के लिए काफी है। लकड़ी के चमकते फर्श। कंदील और हर तरफ शीशों की सजावट। दीवारों पर टंगी तस्वीरों में हिदुस्तानी तहजीब दिख रही थी। जहाज का हर एक कोना व्यवस्था की उन्नत नजीर पेश कर रहा था। - बियर बार काउंटर पर छाई रही खामोशी
राजमहल के बियर बार काउंटर पर छाई खामोशी बता रही थी कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी का इल्म इन विदेशियों को पहले से था। काउंटर पर रखा एक नक्काशी किया मोर आकर्षण का केंद्र बना था। बिहार की सरहद में प्रवेश करते ही इस काउंटर पर जाम की मेहमाननवाजी बंद हो जाने की बात बतायी गयी। पर्यटकों को शायद पाबंदी की सरहद के गुजर जाने का इंतजार था।
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- जलमार्ग से खुलेंगे विकास के द्वार
भारत सरकार जलमार्ग को विकसित कर इससे विकास के रास्ते खोलने में लगी है। गंगा की स्वच्छता और निर्मलता बरकरार रखने के केंद्र सरकार के प्रयास से संभावनाओं के कई द्वार खुलने की उम्मीद है। आइडब्लूएआइ पटना के निदेशक सह मुख्य अभियंता वीके कुरील ने कहा कि गंगा में राजमहल जैसे कई अन्य जहाजों का परिचालन होने से विकास को गति मिलेगी। इन दिनों गंगा का जलस्तर बढ़ा है। बाद के दिनों में भी गंगा की खुदाई कर जहाजों की आवाजाही के लिए तीन मीटर वाटर लेवल मेनटेन किया जाता है। मालवाहक जहाजों का परिचालन बढ़ाने की दिशा में प्रयास जारी है। निदेशक ने कहा कि हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक निजी कंपनियों के जहाज गंगा में चलें।