'रेवती' में दिखी महिलाओं के दर्द की दास्तां
पटना । महिलाएं परिवार की मुखिया होती हैं। हर बड़े-छोटे फैसले वह स्वयं लेती हैं, बावजूद घर की बेटियां-बहू कमजोर होती हैं।
पटना । महिलाएं परिवार की मुखिया होती हैं। हर बड़े-छोटे फैसले वह स्वयं लेती हैं, बावजूद अपनी मानसिकता को नहीं बदल पाती हैं। घर की महिलाएं ही अपने घर की बेटियों और बहू को आगे बढ़ने नहीं देतीं। कुछ ऐसी ही कहानी कालिदास रंगालय के प्रेक्षागृह में शुक्रवार को देखने को मिली। मौका था अजीत भाई थिएटरवाला की 77वीं जयंती समारोह पर सम्मान समारोह व नाट्य प्रस्तुति के आयोजन का। फकीर मोहन लिखित व अजित गुज्जर निर्देशित नाटक 'रेवती' के मंचन में कलाकारों ने अपने अभिनय से समाज में स्त्रियों की मनोदशा को बयां कर दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। आधुनिक युग में जीवन जीने वाली महिलाएं आज भी पौराणिक प्रथाओं को ढोने में लगे हैं ऐसे में घर में रहने वाली बेटियां छोटी मानसिकता के कारण आगे नहीं बढ़ पातीं। मंच पर कृति ज्योत्सना शर्मा, शालिनी, फिजा निगार, अभय पटेल, देवकांत टंडन, साहिल सिंह, निशांत सिंह आदि कलाकारों ने अभिनय किया। मौके पर वरिष्ठ रंगकर्मी अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा को मेयर सीता साहू ने अजीत गांगुली शिखर सम्मान से सम्मानित किया।