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सिर्फ देशी शराब पर बैन की बात पर बोले नीतीश : लागू होगी पूर्ण शराबबंदी

बिहार राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह दी है कि राज्य में शराबबंदी कानून के लागू होने से राजस्व विभाग को भारी नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे शराबबंदी की अपनी बात पर कायम हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2015 11:05 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2015 09:14 PM (IST)

पटना। बिहार राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह दी है कि राज्य में शराबबंदी कानून के लागू होने से राजस्व विभाग को भारी नुकसान हो सकता है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे पूर्ण शराबबंदी की अपनी बात पर कायम हैं।

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मुख्यमंत्री पद पर शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए एक अप्रैल से शराब बंदी करने की घोषणा कर दी है। मद्य निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी की अधिसूचना लागू करने की बात कही थी।

इसके बाद राजस्व विभाग के अधिकारियों ने नीतीश सरकार को सलाह दी है कि पूर्ण शराबबंदी की जगह केवल देशी शराब पर ही प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। विभाग के अनुसार शराबबंदी लागू होने से सरकार को 5500 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो सकता है। इसलिए विभाग ने सलाह दी है कि राज्य में केवल देशी शराब पर ही बैन लगाया जाना चाहिए।

विदित हो कि बिहार विधानसभा चुनाव में अपने चुनाव- प्रचार के दौरान नीतीश कुमार ने वादा किया था कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आई तो वे बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे। इसके बाद विदेशी शराब बनाने वाली एक प्रमुख कंपनी के अधिकारी ने बताया कि राज्य में सीमित शराबबंदी ही लागू की जा सकती है।

कंपनी के अधिकारी ने मुख्यमंत्री के उस बयान का भी हवाला दिया जिसमें नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, 'अमीर लोगों को शराब की बुराई के बारे में पता है, लेकिन कमजोर तबके के लोग इससे अनजान है। यहां तक कि इसी तबके के लोग शराब पीकर उत्पात भी मचाते हैं।'

इस अधिकारी ने कहा, शराबबंदी लागू होने से देशी शराब के उत्पादन पर सबसे पहले असर होगा, इसके बाद ही तो राजस्व के नुकसान का आकलन किया जाएगा।

आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन बातों का खंडन करते हुए कहा कि वे अपने वादे पर कायम हैं। एक अप्रैल से हर हाल में शराबबंदी लागू होगी। इसके लिए नई नीति बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि शराब बंदी में सबका, खासकर महिलाओं का सहयोग चाहिए।

यहां पहले से है प्रतिबंध

बिहार से पहले देश के कई राज्यों में शराब पर प्रतिबंध है। इनमें गुजरात, नागालैंड, मणिपुर और लक्ष्यद्वीप शामिल है। पिछले साल, केरल की सरकार ने भी राज्य में 10 साल की शराबबंदी की घोषणा की थी, लेकिन अदालत में मामला जाने के बाद इसमें ढील दे दी गई।


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