मां के शौक को पूरा करेगा बेटा, NIT OR NIFT के एक-एक छात्र को गोद लेंगे भरत
भारतीय राजस्व सेवा (आइआरएस) से सेवानिवृत्त भरत त्रिपाठी NIT और NIFT पटना के एक-एक छात्र की आर्थिक मदद कर उनकी प्रतिभा को पंख लगाएंगे।
By Edited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:22 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 09:16 AM (IST)
पटना, जेेएनएन। भोजपुर जिला के भगवतपुर गांव के मूल निवासी भरत त्रिपाठी और भारतीय राजस्व सेवा (आइआरएस) से सेवानिवृत्त भरत त्रिपाठी एनआइटी सिविल इंजीनियर के छात्र तथा निफ्ट की एक निर्धन छात्रा को आर्थिक मदद देंगे। एेसा वो अपनी मां के कपड़ों के शौक को बढ़ावा देने के लिए करेंगे।
मुंबई में रह रहे भरत ने बताया कि उनके पिता जगदीश नाथ त्रिपाठी ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (वर्तमान में एनआइटी पटना) से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। भरत कहते हैं कि मेरी पढ़ाई में पिता ने कभी रोक-टोक नहीं लगाई। मुझे हर कुछ करने की आजादी दी। भरत बताते हैं, मेरी मां कपड़ों की शौकीन थी। मुझे मालूम है कि कई छात्र आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। एेसे में मैं अपनी ओर से छोटा सा योगदान देना चाहता हूं। भरत प्रथम वर्ष का पूरा खर्च वहन करेंगे। उसके बाद भी जरूरत होगी तो भी मदद करेंगे।
संस्थाएं मुहैया कराएंगी नाम
एनआइटी तथा निफ्ट निर्धन छात्रों का चयन कर उन्हें नाम मुहैया कराएंगी। भरत त्रिपाठी ने दोनों शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मंगलवार को निवेश आयुक्त मुंबई, बिहार फाउंडेशन मुंबई चैप्टर के अध्यक्ष और बियाडा के प्रबंध निदेशक आरएस श्रीवास्तव से मिलकर एेसी ख्वाहिश जाहिर की है।
पत्नी और बेटी को भी लाएंगे पुण्य के कार्य में
भरत कहते हैं कि हर वर्ष मेरा परिवार दो विद्यार्थियों को गोद लेगा। इससे अपनी पत्नी और बेटी को भी जोड़ने जा रहे हैं। उनके द्वारा शुरू किया गया यह सिलसिला आगे भी नियमित रूप से जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि मेरे पिताजी आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से थे। वे गरीबों की हमेशा मदद करते थे। मुझे निर्धन छात्रों को आर्थिक मदद पहुंचाकर काफी आनंद आ रहा है। मैं बिहार का रहने वाला हूं। मदद करता रहूंगा।
एक दर्जन लोग मदद के लिए आएंगे बिहार
निवेश आयुक्त मुंबई, बिहार फाउंडेशन मुंबई चैप्टर के अध्यक्ष और बियाडा के प्रबंध निदेशक आरएस श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि भरत त्रिपाठी ने बड़ा कदम उठाया है। इस पहल की जितनी सराहना की जाए कम है। चालू वित्तीय वर्ष में एक दर्जन बिहार से बाहर रहने वाले लोग राज्य आकर यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को मदद करेंगे। इस अवसर पर निफ्ट के निदेशक संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भरत त्रिपाठी जैसे लोगों के आगे आने से खुशी है। बिहार के रहने वाले लोगों को एकजुट करने में मुंबई चैप्टर अहम भूमिका निभा रहा है।
मुंबई में रह रहे भरत ने बताया कि उनके पिता जगदीश नाथ त्रिपाठी ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (वर्तमान में एनआइटी पटना) से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। भरत कहते हैं कि मेरी पढ़ाई में पिता ने कभी रोक-टोक नहीं लगाई। मुझे हर कुछ करने की आजादी दी। भरत बताते हैं, मेरी मां कपड़ों की शौकीन थी। मुझे मालूम है कि कई छात्र आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। एेसे में मैं अपनी ओर से छोटा सा योगदान देना चाहता हूं। भरत प्रथम वर्ष का पूरा खर्च वहन करेंगे। उसके बाद भी जरूरत होगी तो भी मदद करेंगे।
संस्थाएं मुहैया कराएंगी नाम
एनआइटी तथा निफ्ट निर्धन छात्रों का चयन कर उन्हें नाम मुहैया कराएंगी। भरत त्रिपाठी ने दोनों शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मंगलवार को निवेश आयुक्त मुंबई, बिहार फाउंडेशन मुंबई चैप्टर के अध्यक्ष और बियाडा के प्रबंध निदेशक आरएस श्रीवास्तव से मिलकर एेसी ख्वाहिश जाहिर की है।
पत्नी और बेटी को भी लाएंगे पुण्य के कार्य में
भरत कहते हैं कि हर वर्ष मेरा परिवार दो विद्यार्थियों को गोद लेगा। इससे अपनी पत्नी और बेटी को भी जोड़ने जा रहे हैं। उनके द्वारा शुरू किया गया यह सिलसिला आगे भी नियमित रूप से जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि मेरे पिताजी आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से थे। वे गरीबों की हमेशा मदद करते थे। मुझे निर्धन छात्रों को आर्थिक मदद पहुंचाकर काफी आनंद आ रहा है। मैं बिहार का रहने वाला हूं। मदद करता रहूंगा।
एक दर्जन लोग मदद के लिए आएंगे बिहार
निवेश आयुक्त मुंबई, बिहार फाउंडेशन मुंबई चैप्टर के अध्यक्ष और बियाडा के प्रबंध निदेशक आरएस श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि भरत त्रिपाठी ने बड़ा कदम उठाया है। इस पहल की जितनी सराहना की जाए कम है। चालू वित्तीय वर्ष में एक दर्जन बिहार से बाहर रहने वाले लोग राज्य आकर यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को मदद करेंगे। इस अवसर पर निफ्ट के निदेशक संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भरत त्रिपाठी जैसे लोगों के आगे आने से खुशी है। बिहार के रहने वाले लोगों को एकजुट करने में मुंबई चैप्टर अहम भूमिका निभा रहा है।
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