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बिहार के 90 डिग्री कॉलेजों के 2.54 लाख विद्यार्थियों का फंसा रिजल्ट, बिना मान्यता एडमिशन लेकर कराई गई परीक्षा

Bihar News मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग भी चौंक गया है। बिना मान्यता वाले कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगा दी गई है और छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए परीक्षाफल किस आधार पर जारी किया जाए इसपर कानूनी सलाह विधि विशेषज्ञों से मांगी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerPublished: Sat, 27 May 2023 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 27 May 2023 07:00 AM (IST)
बिहार के 90 डिग्री कॉलेजों के 2.54 लाख विद्यार्थियों का फंसा रिजल्ट, बिना मान्यता एडमिशन लेकर कराई गई परीक्षा
राज्य के 90 डिग्री कालेजों के 2.54 लाख विद्यार्थियों का फंसा रिजल्ट।

दीनानाथ साहनी, पटनाः बिहार के 90 असंबद्ध डिग्री कॉलेजों में बिना मान्यता (एफलिएशन) प्राप्त किए 2 लाख 54 हजार छात्र-छात्राओं का नामांकन लेने, रजिस्ट्रेशन कराने और फिर स्नातक की परीक्षा में शामिल कराने का मामला उजागर हुआ है।

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शिक्षा विभाग हैरान

हद तो तब हो गई जब उच्च शिक्षा में सुधार का दावा करने वाले प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा ऐसे कॉलेजों की बिना जांच-पड़ताल किए छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल करने की मंजूरी दे दी गई। ऐसी गड़बड़ी करने वाले कॉलेज वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (आरा), बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर) और बीएन मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा) से जुड़े हैं।

जब संबंधित कॉलेजों के छात्र-छात्राओं का रिजल्ट जारी करने का मामला फंसा तब विश्वविद्यालयों ने पूरे मामले में की जानकारी शिक्षा विभाग को देकर मार्गदर्शन मांगा है।

यह मामला संज्ञान में आते ही शिक्षा विभाग भी चौंक गया। विभाग ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए बिना मान्यता वाले कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगा दी है और छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए परीक्षाफल किस आधार पर जारी किया जाए, इसपर कानूनी सलाह (लीगल ओपेनियन) विधि विशेषज्ञों से मांगी है।

यह मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के समक्ष यह प्रश्न उठ खड़ा हुआ है कि कहीं ऐसे मामले राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी तो नहीं हैं। इसलिए विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों से जांच कर पूरी जानकारी मांगी गई है।

अगर इस मामले में विश्वविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रक और इससे प्रकरण से जुड़े अन्य पदाधिकारी दोषी पाए गए तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों का मानना है कि ऐसी गड़बड़ी बिना यूनिवर्सिटी अफसरों की मिलीभगत के संभव नहीं है।

मामले को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह का कहना है कि-

बिना संबद्धता प्राप्त कॉलेजों द्वारा छात्र-छात्राओं के नामांकन को लेकर स्नातक परीक्षा में शामिल करने का मामला संज्ञान में आते ही आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। यह गड़बड़ी विश्वविद्यालयों के स्तर से हुई है। परीक्षाफल को जारी करने के मामले में कानूनी सलाह ली जा रही है।

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में सर्वाधिक 1.87 लाख मामले

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में सर्वाधिक 1 लाख 87 हजार छात्र-छात्राओं का मामला उसके सामने आया है। बिना संबद्धता वाले ऐसे 50 कॉलेज पकड़ में आए हैं, जहां तीन स्नातक सत्रों में गड़बड़ी की गई है।

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से असंबद्ध 29 कॉलेज हैं, जहां 32 हजार से अधिक छात्रों को बिना मान्यता वाले सत्रों में दाखिला ले रजिस्ट्रेशन करा परीक्षा में बिठाया गया। वहीं बीएन मंडल वि. से असंबद्ध 11 डिग्री कॉलेजों ने बिना मान्यता 35 हजार छात्रों का नामांकन ले परीक्षा में शामिल कराया।


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