रिजल्ट स्कैम : दूसरों से हड़पी गई जमीन पर खुला घोटालों का कॉलेज
बच्चा राय के कारनामे अब एक-एक कर सामने आ रहे हैं। कॉलेज में हुई छापेमारी के बाद यह बात सामने निकलकर आई है कि घोटालों के लिए मशहूर कॉलेज दूसरों की हड़पी हुई जमीन पर खोला गया है।
पटना [प्रशांत कुमार] । मेरिट घोटाले के किंगपिन व विशुन राय कॉलेज के संचालक सह प्राचार्य अमित कुमार उर्फ बच्चा राय का एक और कारनामा मंगलवार को उजागर हुआ। कॉलेज में छापेमारी करने गई टीम के पास एक दर्जन लोग अपने कागजात के साथ पहुंचकर आरोप लगाने लगे कि उनकी जमीन छल और बल से बच्चा ने हड़प ली थी।
दस हजार में लिखवाई गई एक बीघा जमीन
तफ्तीश में मालूम हुआ कि घोटालों का यह कॉलेज हड़पी हुई जमीन पर ही खुला है। कॉलेज के लिए उसने धोखाधड़ी से एक व्यक्ति की एक बीघा जमीन महज दस हजार रुपये में रजिस्ट्री करवा ली। उसे जब जालसाजी की जानकारी हुई तो वह धक्का सह नहीं पाया और उसने फांसी लगाकर जान दे दी। उसके बेटे ने पुलिस से संपर्क कर पूरी कहानी बयां की। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस ने शिकायतकर्ता का नाम नहीं बताया।
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जाली दस्तावेज मामले में होगी एफआइआर
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि कई लोगों ने बच्चा के खिलाफ जमीन हड़पने की शिकायत की। पता चला कि दूसरे की जमीन के जाली दस्तावेज बनाकर वीआर कॉलेज की स्थापना की। कागजातों की जांच कराने के बाद बच्चा पर धोखाधड़ी एवं जालसाजी का एक और कांड दर्ज किया जाएगा। साथ ही शिकायत करने आए लोगों की कोर्ट में गवाही कराई जाएगी।
दूसरे की जमीन पर खोला पेट्रोल पंप
हाजीपुर के भगवानपुर निवासी श्रीनाथ प्रसाद ने एसआइटी से शिकायत की कि उसके दादा वंशी साव के नाम पर एक एकड़ 74 डिसमिल का भूखंड था। वंशी की वर्ष 1964 में मौत हो गई। 1985 में बच्चा राय उसकी जमीन पर अपने खास के नाम पर पेट्रोल पंप खोलने लगा। श्रीनाथ के पिता बैद्यनाथ गुप्ता ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों से शिकायत की, पर बच्चा के दबदबे के कारण किसी ने सुध नहीं ली और वह अपनी जमीन से हाथ धो बैठे।
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इसकी वजह से बैद्यनाथ की तबीयत बिगड़ती चली गई। वर्ष 1994 में उन्होंने दम तोड़ दिया। श्रीनाथ का दावा है कि वर्तमान में उसकी ही जमीन पर पेट्रोल पंप और एक मोबाइल कंपनी का टावर लगा है।
कॉलेज कार्यालय से चलता था जमीन का कारोबार
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बच्चा राय हर तरह के फर्जीवाड़ा में शामिल था। शिक्षा के अलावा वह भूमि घोटाले का भी किंगपिन है। उसने गांव ही नहीं, वैशाली जिले के विभिन्न प्रखंडों में गरीब और निर्धन लोगों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया।
वह वीआर कॉलेज के दफ्तर में बैठकर जमीन की खरीद-फरोख्त का भी कारोबार करता था। उसने कई असहाय लोगों की जमीन हड़प ली, जिन्होंने हालात के आगे बेबस होकर मौत को गले लगा लिया। सूत्र बताते हैं कि इस कारोबार के लिए स्थानीय पुलिस, जनप्रतिनिधि और कई कद्दावर नेताओं का उसे संरक्षण प्राप्त है।