सिवान में मिठाई की दुकानों पर हो रही नियमों की अनदेखी
दीपावली और छठ पर्व नजदीक आते ही बाजार गुलजार हो जाते हैं। हर दुकान में ग्राहकों की को लुभाने के लिए दुकानदार कोई कसर नहीं छोड़ते हैं लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ अगर कहीं एकत्रित होती है तो मिठाई की दुकानों पर। मिठाई दुकानदार अपनी दुकानों में तरह तरह की मिठाइयों को सजा कर ग्राहकों से इनकी बिक्री करते हैं।
सिवान । दीपावली और छठ पर्व नजदीक आते ही बाजार गुलजार हो जाते हैं। हर दुकान में ग्राहकों की को लुभाने के लिए दुकानदार कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ अगर कहीं एकत्रित होती है तो मिठाई की दुकानों पर। मिठाई दुकानदार अपनी दुकानों में तरह तरह की मिठाइयों को सजा कर ग्राहकों से इनकी बिक्री करते हैं। बिक्री ज्यादा और मुनाफा अधिक कमाने के लिए ये दुकानदार कई बार पर्व की खुशियों में मिठाई के नाम पर जहर घोलने का भी काम करते हैं। बाजार में दीपावली के दौरान सबसे ज्यादा मिलावट वाली मिठाई की बिक्री की जाती है और ग्राहक को इसका अंदाजा भी नहीं लगता है। दुकान पर मिलने वाले खाने-पीने के सामन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने नया नियम तो लागू कर दिया है, लेकिन नियमों का पालन कराने में जहां जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है वहीं मिठाई दुकानदारों द्वारा नियमों की अनदेखी की जा रही है। जिले में शायद ही पिछले एक वर्ष में कभी फूड इंस्पेक्टर द्वारा मिठाई की दुकानों पर गुणवत्ता संबंधी जानकारी के लिए छापेमारी की गई हो। यही कारण है कि दुकानदारों अपनी दुकानों में रखी मिठाइयों के दर तो जरूर लगाते हैं, लेकिन उसकी गुणवत्ता और कब की वह मिठाई बनी है इसकी जानकारी नहीं देते हैं। जिसका खामियाजा सीधे-साधे ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि एक अक्टूबर 2020 से नियमों को लागू करते हुए दुकानों में परातों एवं डब्बों में बिक्री के लिए रखी गई मिठाई के लिए निर्माण की तारीख तथा उपयोग की उपयुक्त अवधि जैसी जानकारी प्रदर्शित करने को निर्देशित किया गया है।
लोगों में भी दिख रहा जागरूकता का अभाव :
दैनिक जागरण की टीम द्वारा शनिवार को शहर के प्रमुख मिठाई दुकानों की पड़ताल की गई तो पाया कि कहीं भी मिठाई के ट्रे पर उसके खराब होने की तिथि उल्लेख नहीं था। लोग भी इसको लेकर जागरूक नहीं थे। ।
मिठाइयों के प्रकार बढ़ने से तारीख बदलने में होती है परेशानी :
इस संबंध में जब कुछ दुकानदारों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मिठाइयां कई प्रकार की होती हैं, ऐसे में बार-बार तारीख बदलना मुश्किल होता । यह आदेश फरवरी में ही आया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसकी अवधि में विस्तार करते हुए एक अक्टूबर से मिठाई की थालियों पर बेस्ट बिफोर डेट लिखना अनिवार्य कर दिया गया था। एफएसएसएआइ का नया आदेश मिठाइयों की सिर्फ खुली बिक्री के लिए है, क्योंकि डिब्बाबंद खाद्य पदाथों पर यह नियम पहले से ही लागू है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :
नियमों का पालन कराने के लिए शहरी क्षेत्र में एक से दो बार जांच पड़ताल की गई थी, लेकिन अब फिर से मामला संज्ञान में आया है। इसको लेकर जल्द ही जांच कराई जाएगी। साथ ही नियमों की अनदेखी कर रहे दुकानदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
नारायण राम, फूड इंस्पेक्टर, सिवान मिठाई दुकानों में परातों एवं डब्बों में बिक्री के लिए रखी गई मिठाई के लिए निर्माण की तारीख तथा उपयोग की उपयुक्त अवधि जैसी जानकारी प्रदर्शित करना अनिवार्य है। इसकी जांच के लिए पत्र के माध्यम से फूड इंस्पेक्टर को निर्देशित किया गया है। जल्द ही इसका सकारात्मक रूप दिखाई देगा।
डा. यदुवंश कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, सिवान।