पहचान बनाने अपराध की दुनिया में आया था रवि गोप, चाय वाले की हत्या कर बढ़ा दिया था खौफ
रवि गोप अपने क्षेत्र में अपराधियों द्वारा की जा रही वसूली से काफी प्रभावित था। उसकी दिली इच्छा थी कि उसे भी लोग जानें और उसके नाम का खौफ हो। उसने 2014 में पहली बार रंगदारी न देने पर दीघा क्षेत्र में ही गोलीबारी की थी।
जागरण संवाददता, पटना। तीन दिन पहले शादी के मंडप से गिरफ्तार दीघा के रामजीचक का रवि गोप मूल रूप से दियारा क्षेत्र का रहने वाला है। रवि अपने क्षेत्र में अपराधियों द्वारा की जा रही वसूली से काफी प्रभावित था। उसकी दिली इच्छा थी कि उसे भी लोग जानें और उसके नाम का खौफ हो। उसने 2014 में पहली बार रंगदारी न देने पर दीघा क्षेत्र में ही गोलीबारी की थी। इसके बाद वह छोटे-मोटे अपराध में संलिप्त रहने लगा। लोगों में खौफ पैदा करने के लिए 2016 में उसने बाटा मोड़ के पास एक चाय दुकानदार द्वारा पैसे मांगे जाने पर उसकी हत्या कर अपराध जगत में कदम रखा था। धीरे-धीरे रंगदारी व जमीन पर अवैध कब्जा को लेकर उसने हत्याओं का सिलसिला शुरू कर दिया। 2019 आते-आते वह पचास हजार का ईनामी अपराधी हो गया। माखन गिरोह के साथ वर्चस्व की लड़ाई में चार अपराधियों की हत्या कर दी गई।
राजीव नगर में जमीन मालिक की हत्या
पहली हत्या के कुछ ही दिनों के बाद राजीव नगर में एक जमीन के विवाद में उसने जमीन मालिक की हत्या कर दी। राजीव नगर क्षेत्र में इससे उसका आतंक बढऩे लगा। इसके बाद वह विवादित जमीन में हाथ डालने लगा। विवादित लेकर इसे ऊंचे दाम पर बेचने लगा। इससे मोटी कमाई होने लगी। रोजमर्रे के खर्च के लिए उसने दीघा ऑटो स्टैंड व सब्जी मंडी में वसूली के नाजायज धंधे को माखन से छीनकर कब्जा जमा लिया। इससे रोजाना हजारों की कमाई होने लगी। जेपी सेतु शुरू होने पर उसने पास न देने पर एक बाइक सवार को गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। अकेले दीघा व दानापुर थाने में उसके खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। अपराध जगत में उसने अपनी धमक तो पैदा कर ली परंतु एसटीएफ के आंखों की किरकिरी भी बन गया। 2019 से ही एसटीएफ उसके पीछे लग गई थी। हालांकि, 2019 अप्रैल के बाद से उसने दीघा व दानापुर क्षेत्र में किसी की हत्या नहीं की थी।
वसूलता था रंगदारी
रवि गोप इस क्षेत्र के बालू लदे नाविकों एवं अन्य व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने वालों से भी रंगदारी लेता था। बालू से रंगदारी वसूलने वाले उसे प्रतिदिन 12 हजार रुपये देते थे। जमीन कारोबार से जुड़े बड़े अपराधियों की नजर में रवि गोप खटकने लगा था। पुलिसिया मुखबिरों ने ही रवि गोप की सही सूचना मुहैया कराई थी।