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कैदी नंबर 10518 मतलब दुष्कर्मी राजबल्लभ यादव, सजा मिलते ही बढ़ गया BP

नाबालिग से दुष्कर्म में उम्रकैद की सजा पाए पूर्व मंत्री राजबल्लभ यादव को सजा मिलते ही उसका BP बढ़ गया है। उसे कैदी वाला ड्रेस भी दे दिया गया है। अब वह कैदी नंबर 10518 बन गया है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 08:38 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 08:53 PM (IST)
कैदी नंबर 10518 मतलब दुष्कर्मी राजबल्लभ यादव, सजा मिलते ही बढ़ गया BP
कैदी नंबर 10518 मतलब दुष्कर्मी राजबल्लभ यादव, सजा मिलते ही बढ़ गया BP

पटना [जेएनएन]। नाबालिग से दुष्कर्म में उम्रकैद की सजा पाए पूर्व मंत्री राजबल्लभ यादव बेउर जेल में कैदी नंबर 10518 बन गया है। जेल में अब इसकी पहचान इसी नंबर से होगी। उम्रकैद की सजा पाने के बाद राजबल्लभ यादव को बेउर जेल लाया गया। उसका वार्ड बदल कर जेनरल कर दिया गया है।  

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जेल मैनुअल के तहत पूर्व मंत्री को आजीवन कारावास मिलने के बाद जो सुविधा मिलती है, वही राजबल्लभ को भी दी जाएगी। इतना ही नहीं, उम्रकैद की सजा मिलने के बाद राजबल्लभ यादव ने शुक्रवार की रात खाना नहीं खाया था। साथ ही शनिवार की सुबह लोगों से कम बातें कीं। 

उधर आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद राजबल्लभ की नींद हराम हो गई। पूरी रात करवटें बदलते हुए बीती। उन्हें जेल मैुनअल के मुताबिक पहनने के लिए कैदियों की ड्रेस दी गयी। नहीं सोने एवं अधिक तनाव में रहने के कारण उनका ब्लड प्रेशर लेबल काफी बढ़ गया था। चक्कर आने के कारण शनिवार को वह दिन भर अपने बिछावन से उठ भी नहीं सका था। इसके बाद बेउर जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

बता दें कि कोर्ट में सजा सुनने के लिए पहुंचा दुष्कर्म के आरोपित राजबल्लभ जज के सामने गिड़गिड़ाने के अंदाज में खड़ा था। उसके वकील ने कहा कि वह समाज सेवक हैं। पूर्व मंत्री हैं। विधायक हैं। कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। तीन वर्ष से जेल में हैं। 

कोर्ट से अनुरोध है कि उम्र को देखते हुए मिनिमम सजा दी जाए। दूसरी ओर विशेष लोक अभियोजक ने दलील दी कि राजबल्लभ ऐसे आरोपित है, जो लॉ मेकर और लॉ ब्रेकर है। नालंदा जिले के दीपनगर स्थित बिहारशरीफ मंडल कारा में जब बंद थे, तब जेल में पार्टी दी थी। सभी बंदियों को रंग-गुलाल मुहैया कराया था। 

22 मार्च 2016 को विधायक ने जेल में 125 किलो चावल और 110 किलो मांस मंगवाया था। बाहर से कारीगर खाना बनाने के लिए बुलाए गए। विधायक मंडल जेल में राजा की तरह रहता था। उसके लिए मंडल जेल में रंगीन टीवी और डीटीएच की व्यवस्था थी। जेल में कैदियों को होली पर दावत देने की जांच हुई और तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने इसे सत्य पाया। 

पीड़ि़ता शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा का शिकार हुई। कोर्ट से अनुरोध किया कि इन लोगों को ऐसी सजा मिले, जिससे कोई ऐसे कुकर्म करने की हिम्मत न करे। इस बहस के बाद जज ने राजबल्लभ को उम्रकैद की सजा सुना दी।


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