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रामविलास का मायावती पर कटाक्ष- दलित होने से चोरी करने का लाइसेंस मिल गया?

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती दलित की बेटी हैं तो क्या उन्हें चोरी करने का लाइसेंस मिल जाएगा?

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 27 Dec 2016 06:19 PM (IST)Updated: Wed, 28 Dec 2016 10:21 PM (IST)
रामविलास का मायावती पर कटाक्ष- दलित होने से चोरी करने का लाइसेंस मिल गया?

पटना [जेएनएन]। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान का मायावती पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या दलित होने का मतलब है कि आपको लाइसेंस मिल जाएगा चोरी करने का? दलित की बेटी हैं तो उन्हें भला कोई क्यों रोकेगा वो तो खुद ही ऐसे गलत काम में शामिल हैं।

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बसपा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को दलित से जोड़ने के लिए मायावती की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि उनका दलित होना उन्हें भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का ‘‘लाइसेंस’’ नहीं देता है और उन्हें कानून को अपना काम करने देना चाहिए।

सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग के प्रमुख दलित चेहरा पासवान ने उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री पर नोटबंदी के बाद बसपा के बैंक खाते में कथित तौर पर 104 करोड़ रुपये जमा कराने को लेकर आलोचना की और कहा कि यह दुखद है कि समाज के सबसे दबे कुचले वर्ग का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली पार्टी के पास इतना धन है।

उन्होंने कहा कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती के आरोप बिल्कुल निराधार हैं, उनपर तो पहले से ही शक था जो सही साबित हुआ है। बीजेपी ने तो उन्हे मुख्यमंत्री बनाया था तो भला वो क्यों रोकेगा? रामविलास ने कहा कि मेरे पार्टी के छह सासंद हैं उसके बाद भी मेरे एकाउंट में एक लाख रुपये हैं और उनके पास एक भी सासंद नहीं है तो उनके एकाउंट में एक सौ करोड़ रुपये कैसे आ गये?

मायावती का असली चेहरा सबके सामने आया बसपा सुप्रीमो मायावती जी ने जो कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि दलित के बेटी के हाथ में मास्टर चाबी आए उनसे पूछना चाहिए कि दलित शब्द से अभिप्राय क्या है उनका और भाजपा के चाहने से क्या होगा उन्हें तो खुद उत्तर प्रदेश की जनता नहीं चाहती है कि वह सत्ता में आए।

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क्योंकि मेरी समझ में मायावती जी किसी के लिए सही नहीं है अगर दलित भी उन्हें पसंद करते तो उनकी यह दुर्दशा नहीं होती इस तरह की बातें करना अच्छे राजनेताओं के मुंह से शोभा नहीं देता उन्हें यह समझ आनी चाहिए कि किसी पार्टी या किसी नेता को दोस्त देने से पहले अपने व्यक्तिगत जनाधार में झांक कर देख ले क्या वह सही है?

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लालू और मायावती लोग क्यों कर रहे विरोध? समझ गया

आठ नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा होने के बाद से मायावती द्वारा इसके विरोध पर चुटकी लेते हुए लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि ‘‘उनके जैसे और राजद प्रमुख लालू प्रसाद’’ जैसे लोग इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?


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