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रामनवमीः घर से ही करें पटना के महावीर मंदिर का Live दर्शन, राशि के अनुसार इन मंत्रों का करें जाप

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस बार रामनवमी पर मंदिरों के कपाट बंद हैं। ऐसे में श्रद्धालु घर में ही पूजा कर रहे हैं। पटना स्थित महावीर मंदिर के लाइव दर्शन की व्यवस्था है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 10:15 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 10:15 AM (IST)
रामनवमीः घर से ही करें पटना के महावीर मंदिर का Live दर्शन, राशि के अनुसार इन मंत्रों का करें जाप
रामनवमीः घर से ही करें पटना के महावीर मंदिर का Live दर्शन, राशि के अनुसार इन मंत्रों का करें जाप

पटना, जेएनएन। मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदशरथ अजिर बिहारी.., सियाराम-जयराम, जयजय राम.. सहित अन्य कीर्तन आज रामनवमी पर राजधानी के घरों और मंदिरों में सुनाई दे रहे हैं। बाजार में भी महावीरी पताका लहर रहा है। रामनवमी को लेकर गुरुवार की सुबह लोग पूजन सामग्री खरीदते दिखाई दिए।

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मंदिर सजे पर भक्तों के लिए नहीं खुलेगा द्वार

शहर के प्रमुख मंदिर भी सज गए हैं। हालांकि भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। पुजारी ही विधि-विधान से ध्वजारोहण कर प्रभु श्रीराम का गुणगान करेंगे। लगभग तीन सौ साल पुराने पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर में भी विधिवत पूजा के साथ ध्वज बदले जाएंगे। 1983 से यह कार्य प्रतिवर्ष हो रहा है।

आगे भी होता रहेगा प्रसारण

महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि इस बार रामनवमी पर भक्तों की सुविधा के लिए लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है। भक्त अपने जियो मोबाइल से मंदिर में होने वाली आरती व पूजन का लाइव दर्शन कर सकते हैं। लाइव प्रस्तुति गुरुवार की सुबह पांच बजे से आरंभ हो जाएगी। आचार्य कुणाल ने कहा कि भक्त हनुमान मंदिर की वेबसाइट पर पूजन, आरती व कीर्तन के सीधे प्रसारण का आनंद उठा सकते हैं। इस बार नैवेद्यम प्रसाद का काउंटर बंद रहेगा।

राशि के अनुसार करें स्तुति पाठ

भगवान विष्णु के सातवें अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के जन्मदिन को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम का जन्म चैत शुक्ल नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र व कर्क लग्न में हुआ था। इस बार गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ पूरे भारत में रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। पंडित राकेश झा ने कहा कि विधि-विधान से लोग अपने घरों में ध्वजारोहण करने के साथ भक्तिभाव से पूजा-अर्चना कर आशीष प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन ही गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की थी। दक्षिण प्रांत में बसे लोग प्रभु श्रीराम की पूजा कल्याणोत्सव के रूप में मनाते रहे हैं। रामनवमी पर सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, गुरु-पुष्य योग का संयोग बन रहा है, जो भक्तों के सभी प्रकार के मनोरथों को पूर्ण करने वाला है। 

रामनवमी पूजा शुभ मुहूर्त


गुली काल मुहूर्त: प्रात: 08:47 बजे से 10:20 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:28 बजे से 12 :18 बजे तक
नवमी तिथि आरंभ:  आज निशामुख रात्रि 10:00 बजे से
नवमी तिथि समाप्त:  कल 02 अप्रैल को रात्रि 08 :56  बजे तक
राशि के अनुसार करें स्तुति पाठ:-
 
मेष- श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ
वृष- श्रीराम स्तुति का पाठ
मिथुन- इंद्रकृत रामस्त्रोत का पाठ
कर्क- श्रीरामाष्टक का पाठ
सिंह- श्रीसीता रामाष्टकम का पाठ  
कन्या- श्रीराम मंगलाशासनम का पाठ
तुला- श्रीराम प्रेमाष्टकम  का पाठ     
वृश्चिक- श्रीराम चंद्राष्टकम का पाठ
धनु- जटायुकृत श्री रामस्त्रोत का पाठ      
मकर- आदित्य हृदय स्त्रोत के साथ श्री रामरक्षा स्त्रोत का पाठ
कुंभ- सुंदरकांड के साथ श्रीराम रक्षा कवच का पाठ     
मीन- रामचरित मानस के अयोध्या और बालकांड का पाठ

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