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Bihar Corona Effect: पटना में इस साल छोटा दिखेगा कोरोना काल का रावण, रामलीला का आयोजन भी होगा वर्चुअल

Bihar Corona Effect पटना के गांधी मैदान में दुर्गापूजा के मौके पर रावण का पुतला जलाने की परंपरा रही है। इस साल इसपर कोरोना का ग्रहण लगता दिख रहा है। रावण बीते सालों से छोटा रहेगा। शहर में रामलीला की प्रस्तुति भी वर्चुअल ही होगी।

By Edited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 01:33 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 09:55 AM (IST)
Bihar Corona Effect: पटना में इस साल छोटा दिखेगा कोरोना काल का रावण, रामलीला का आयोजन भी होगा वर्चुअल
पटना गांधी मैदान में रावण के पुतले का दहन, फाइल फोटो।

पटना। गांधी मैदान में दुर्गापूजा के मौके पर रावण के पुतले जलाने और रामलीला की प्रस्तुति शहर की सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण काल में रावण वध और रामलीला के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। 1955 से चली आ रही परंपरा को कोरोना काल में भी दशहरा कमेटी बरकरार रखना चाहती है। स्थिति को देखते हुए वर्चुअल आयोजन के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। कमेटी का कहना है कि सरकार की ओर से निर्धारित मानक के अनुसार ही कार्यक्रम आयोजित होगा। जिला प्रशासन से मांगी है अनुमति : दशहरा कमेटी के संस्थापक टीआर गांधी ने बताया कि रावण वध और रामलीला के आयोजन के लिए जिला प्रशासन को आवेदन दिया गया है। 30 सितंबर को अनलॉक-4 खत्म होने वाला है। अनलॉक-5 में रियायतों का दायरा बढ़ने की उम्मीद है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। परंपरा रहेगी बरकरार टीआर गांधी की मानें तो अगर बड़े आयोजन के लिए आदेश नहीं मिला तो रावण वध और रामलीला का आयोजन वर्चुअल तरीके से करेंगे। संक्रमण को देखते हुए पहली बार रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई कम होगी। रावण का पुतला 20 फीट, कुभंकर्ण का 15 फीट और मेघनाद का 10 फीट का होगा। पिछले बार रावण का पुतला 65 फीट ऊंचा बनाया गया था। इस बार वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित कराने के लिए विशेषज्ञ मृणाल को आमंत्रण दिया गया है। कार्यक्रम में निर्धारित संख्या में ही लोगों की सहभागिता रहेगी। मौजूदा नियमों के अनुसार यह संख्या 100 रखी गई है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री को आमंत्रण दिया गया है। नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में वर्चुअल रामलीला का आयोजन - नागाबाबा ठाकुरबाड़ी परिसर में वर्चुअल तरीके से रामलीला करने का विचार बन रहा है। इसके लिए वृंदावन व अन्य जगहों के कलाकारों से बात हो रही है। ट्रस्ट के फेसबुक पेज पर घर बैठे लोग भगवान राम की लीला का आनंद उठाएंगे। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष राजेश बजाज ने बताया कि रामलीला की पहली प्रस्तुति 2007 में मिलर हाई स्कूल में हुई थी। इसके बाद गांधी मैदान और फिर नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में प्रति वर्ष आयोजन होता रहा है। - 1955 से गांधी मैदान में रावण वध की परंपरा - 2007 में मिलर हाई स्कूल में हुई थी रामलीला की प्रस्तुति - 20 फीट का होगा रावण का पुतला, कुंभकर्ण 15 फीट और मेघनाद 10 फीट में सिमटेंगे

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