Cancer Survivor Day: हौसले के बल पर जीती जिंदगी की जंग, जानिए
पटना के राज नंदन शर्मा मिसाल हैं कि हौसला हो तो कैंसर से लड़कर जीता जा सकता है। उनके संघर्ष की कहानी अन्य रोगियों के लिए प्रेरणा का श्रोत है। आप भी जानिए।
पटना [जेएनएन]। प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त राजधानी के बुद्धा कॉलोनी निवासी राज नंदन शर्मा का कहना है कि जिंदगी अनमोल है। उसे जीना सीखना होगा। समस्याएं आती हैं और आती रहेंगी। समस्याओं का आना उनका काम है। लेकिन, समस्याओं के समक्ष समर्पण करना जिदंगी की सबसे बड़ी हार होगी।
राजनंदन शर्मा की उम्र 70 वर्ष है। वर्ष 2015 में उन्हें पता चला कि वे प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त हैं। उन्होंने इलाज में देरी नहीं की। उनका कहना है कि शुरू में इलाज राजधानी के अस्पतालों में कराया, लेकिन संतोषजनक परिणाम नहीं मिला। इस के बाद मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल से इलाज कराने का निर्णय लिया। वहां के इलाज से काफी लाभ मिला है। अब बीमारी नियंत्रण में है।
राजनंदन शर्मा का कहना है कि बीमारी का इलाज एक प्रक्रिया है। बीमारी पर नियंत्रण होने से उसके प्रति भय समाप्त हो गया है। वे बताते हैं, ''वर्तमान में एक सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जी रहा हूं। परिवार के सभी लोग बीमारी से अवगत हैं।
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शुरू में बीमारी को लेकर घबराहट थी, लेकिन धीरे-धीरे सारा भय दूर हो गया।'' राजनंदन अब कैंसर पीडि़तों प्रोत्साहित करते हैं। वे लोगों को सलाह देते हैं कि बीमारी से हारने की जरूरत नहीं है। संकल्प लेकर आगे बढऩे की जरूरत है। बीमारी स्वत: हार जाएगी।