जाली रेल टिकट बेचने के आरोप में क्लर्क गिरफ्तार
राजेन्द्रनगर टर्मिनल के बुकिंग काउंटर से जाली टिकट बेचे जाने की सूचना रेलवे बोर्ड तक पहुंच चुकी है।
पटना : राजेन्द्रनगर टर्मिनल के बुकिंग काउंटर से जाली टिकट बेचे जाने की सूचना रेलवे बोर्ड तक जा चुकी है। बोर्ड की ओर से स्पेशल टीम बनाकर शुक्रवार की देर शाम टर्मिनल पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान दो यात्रियों ने जाली टिकट काउंटर से लेने की बात कही। दोनों के बयान पर बुकिंग काउंटर पर छापेमारी की गई। काउंटर से जाली टिकट तो बरामद नहीं हुए परंतु निर्धारित राशि से 700 रुपये अधिक बरामद किए गए। इसके बाद स्थानीय रेल थाने में काउंटर क्लर्क रूपेश कुमार के खिलाफ जाली टिकट बेचने की प्राथमिकी दर्ज करा दी गई।
शनिवार की दोपहर को रेल पुलिस ने आरोपी बुकिंग क्लर्क रुपेश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। काउंटर से जाली टिकट बेचना राष्ट्र द्रोह माना गया है।
इधर, रूपेश की गिरफ्तारी के बाद जिस काउंटर से इस टिकट को खरीदा गया था उसके बुकिंग क्लर्क की गिरफ्तारी के लिए रेल पुलिस की ओर से दबाव बनाया जा रहा था। साथी की गिरफ्तारी व अपने चहेते साथी पर दबाव बनाने के विरोध में सैकड़ों रेल कर्मियों ने दोपहर 3 बजे से राजेन्द्रनगर टर्मिनल बुकिंग काउंटर के तमाम काउंटरों को बंद कर दिया गया। दो घंटे तक सभी बुकिंग काउंटर पूरी तरह बंद रहे। इसके बाद दानापुर के वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक विनीत कुमार के निर्देश पर सारे बुकिंग क्लर्क ने हड़ताल वापस ले ली। शाम पंाच बजे से ड्यूटी पर वापस आ गए।
हालांकि, इस दौरान राजेन्द्रनगर से संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के खुलने का समय हो गया था। इस कारण कई यात्रियों को जनरल टिकट मिल नहीं पा रहा था। 5 बजे काउंटर खुलने के बाद लंबी कतारें लग गई। टिकट लेने के लिए यात्रियों ने जमकर हंगामा भी किया। साढ़े पांच बजे ही संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस खुलने वाली थी। कई यात्री बगैर टिकट ही यात्रा करने को मजबूर हुए।
इधर, जब पुलिस ने तहकीकात की तो पता चला कि सुबह में चार बजे के आसपास बुकिंग काउंटर से राजेन्द्रनगर टर्मिनल से दानापुर के लिए टिकट जारी किया गया था। ब्लेड से इस टिकट से दानापुर हटाकर दिल्ली कर दिया गया था। इसे फिर से शाम में यात्रियों के हाथ बेच दिया गया। 10 रुपये का टिकट 225 रुपये में बेच दिया गया। अब रेल पुलिस सुबह में काउंटर पर बैठे कर्मी डीके गुप्ता की भी संलिप्तता मान रही है।
वहीं रेलकर्मियों के अनुसार डीके गुप्ता ने वही किया जो कोई भी क्लर्क करता। उनसे कोई भी व्यक्ति कहीं का टिकट लेगा तो देना ही पड़ेगा। उन्होंने भी यात्री बनकर पहुंचे एक शातिर को राजेन्द्र नगर टर्मिनल से दानापुर का टिकट दिया था। इसके बाद उक्त यात्री ने इस टिकट पर ब्लेड से दानापुर हटाकर दिल्ली की मुहर लगा दी। इस मामले में बीके गुप्ता की कोई गलती नहीं है।
ज्ञात हो कि राजेन्द्रनगर टर्मिनल, पटना जंक्शन, पाटलिपुत्र आदि स्टेशनों पर बड़ी संख्या में जाली टिकट बेचे जाने की शिकायतें काफी दिनों से मिल रही थीं। पहले पूर्व-मध्य रेल मुख्यालय को इसकी सूचना दी गई। यहां की निगरानी की टीम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर रेलवे बोर्ड की निगरानी की टीम यहां पहुंची और रंगेहाथ बुकिंग क्लर्क को पकड़ लिया।