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क्वांटम टेक्नोलॉजी तय करेगी किसी देश का भविष्य

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), पटना में रविवार को क्वाटम एंड एटम ऑप्टिक्स विषय पर कार्यक्रम आयोजित

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 08:29 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 09:20 PM (IST)
क्वांटम टेक्नोलॉजी तय करेगी किसी देश का भविष्य

पटना/बिहटा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), पटना में रविवार को 'क्वाटम एंड एटम ऑप्टिक्स' विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सीनेट हॉल में किया गया। उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने कहा कि क्वांटम टेक्नोलॉजी गुणवत्तापूर्ण सेवा के लिए अगले कुछ वर्षो में अनिवार्य हो जाएगी। आगामी दशक में विश्व शक्ति का निर्धारण बहुत हद तक क्वांटम टेक्नोलॉजी में उसकी दक्षता से होगा। संचार, सुरक्षा, सेवा, स्वास्थ्य सहित जीवन के हर पहलू को क्वांटम तकनीक बड़े स्तर सरल करेगा। दीप जलाकर कार्यक्रम का अतिथियों ने शुभारंभ किया। फिजिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी और फैकल्टी ने अतिथियों को स्मृति चिह्न व शॉल से सम्मानित किया। पहले दिन उद्घाटन सत्र में प्रो. जीएस अग्रवाल, प्रो. लुका सलासनिक व प्रो. प्रशांत कुमार पाणिग्रही तथा अन्य सत्र में एनटीएचयू, ताइवान के प्रो. रेकॉग ली, आइएसीएस, कोलकाता के प्रो. बिमलेंदु देव, प्रो. बरनाली घोष, विश्वजीत चक्रवर्ती, टेक यूनिवर्सिटी जर्मनी के प्रो. डी सुतर, पोलैंड के प्रो. के साचा, चीन के प्रो. सेन यांग, अस्ट्रिया के फिलिप हैसलिंगर, ऑस्ट्रेलिया के प्रो. के हरदमन आदि ने लेक्चर व पेपर प्रस्तुत किए।

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क्वाटम मैकेनिक्स, क्वाटम ऑप्टिक्स है भविष्य

मुख्य अतिथि टेक्सास यूनिवर्सिटी, यूएसए के प्रो. जीएस अग्रवाल ने कहा कि आइआइटी, पटना में क्वाटम तकनीक पर कार्यक्रम का आयोजन सुखद है। क्वाटम मैकेनिक्स और क्वाटम ऑप्टिक्स में ही भविष्य है। क्वाटम तकनीक पूरे परिदृश्य को बदल देने का मादा रखती है। पूरी दुनिया के लैब में इस पर काम हो रहे हैं। नई जेनरेशन क्वाटम टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रही है। यूएस इसपर काफी पैसे खर्च कर रहा है। यूरोप और आस्ट्रेलिया क्वाटम तकनीक में तेजी से काम कर रहे हैं। भारत के लिए यह सही समय है। आइआइटी जैसे संस्थानों को क्वाटम तकनीक में इंजीनियरिंग प्रोग्राम तैयार कर नई पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए प्रयासरत होना चाहिए। इस तरह के आयोजन नई जरूरतों के लिए वैज्ञानिक तैयार करने में सहायक साबित होंगे।

क्वांटम पर भारत में किए जा रहे बेहतर कार्य

विशिष्ट अतिथि इटली के पैडोवा विश्वविद्यालय के साइंटिस्ट प्रो. लुका सलासनिक ने कहा कि वह पहली बार भारत आए हैं। यह सम्मेलन ही बयान कर रहा है कि क्वांटम टेक्नोलॉजी को लेकर भारत में बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। दुनिया की नजरें भारत पर हैं। आइआइएसईआर, कोलकाता के प्रो. प्रशात के पाणिग्रही ने कहा कि शोध कार्य में प्रधानमंत्री कार्यालय से सहयोग मिलना अच्छी पहल है। आइआइटी, पटना के कार्यकारी निदेशक संजय कुमार पारिदा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इंक्यूबेशन सेंटर, सेंटर फॉर अर्थक्वेक इंजीनियरिंग, एनालिटिकल इंस्टूमेंटल सोसायटी जैसे कई सेंटर शोध कार्य को अतिरिक्त बढ़ावा दे रहे हैं। नीति आयोग ने नेचुरल लैंग्वेज में वर्चुअल असिस्टेंस पर संस्थान से संपर्क किया है।

नौ लेक्चर व 48 कंट्रीब्यूटरी टॉक्स होंगे

कॉन्फ्रेंस के संयोजक और फिजिक्स विभाग के एचओडी डॉ. उत्पल राय ने कहा कि इसमें 16 देशों से 24 उच्च शिक्षण संस्थानों के 112 विशेषज्ञ शामिल हुए हैं। तीन दिनों में क्वाटम ऑप्टिक्स और एटम ऑप्टिक्स पर विशेषज्ञों के नौ लेक्चर, 48 कंट्रीब्यूटरी टॉक्स के साथ-साथ 55 पोस्टर प्रेजेंटेशन सुनिश्चित है। यह इवेंट समय के अनुसार समाज को क्वाटम प्रौद्योगिकी लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मार्ग प्रशस्त करेगा। पटना आइआइटी, बिहार को भविष्य में क्वांटम प्रौद्योगिकी का प्रमुख स्तंभ बनाएगा। सम्मेलन में कुछ ऐसे विषयों पर चर्चा की जाएगी, जो गणना और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाले हैं।


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