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सरदार पटेल की सोच को जमीन पर उतारने से होगा कश्मीर समस्या का हल

पटना में निश्चलानंद सरस्वती ने श्रद्धालुओं को दिए सुखमय जीवन के मंत्र।

By Edited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 09:15 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 09:16 PM (IST)
सरदार पटेल की सोच को जमीन पर उतारने से होगा कश्मीर समस्या का हल
पटना, जेएनएन। भक्तों की भीड़ लगी थी। सभी अपने मन की बात पुरी पीठाधीश्वर से साझा करते नजर आ रहे थे। शुक्रवार को आशियाना नगर के रामनगरी में सिंह मेंशन में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती 'धर्म, अध्यात्म एवं राष्ट्र' विषय पर प्रमुखता से अपनी बात रख रहे थे। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि जिसके पास पर्याप्त धन है वह और धन की चाह रखता है और जिसके पास नहीं है उसे पाने के लिए श्रम करता है। लेकिन, धन की लालसा हमेशा बढ़ते जाती है।

सरस्वती ने कहा कि एक ऐसी चीज है जहां धन की पहुंच नहीं होती है। नींद में धन की पहुंच नहीं है लेकिन इसमें शांति भरपूर है। जो, अशांत होता है उससे सुख-समृद्धि भी दूर हो जाती है। देश की शिक्षा प्रणाली पर सरस्वती ने कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्धति से देश को काफी नुकसान हुआ है। आज बच्चों पर पाश्चात्य शिक्षा का प्रभाव पड़ा है जिसके कारण उनकी बुद्धि भी भ्रमित हो रही है।

आध्यात्म रहित शिक्षा से देश का विकास संभव नहीं है। इसे ठीक करने की जरूरत है जिसके लिए सरकार और समाज को आगे आने की जरूरत है।

कश्मीर समस्या का हो समाधान
कश्मीर की समस्या पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि कश्मीर की समस्या आज की समस्या नहीं है। इसके समाधान के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है। सिर्फ नेताओं की बयानबाजी से कुछ नहीं होना है। सरस्वती ने कहा कि यह देश भगवान का है। हम नेताओं के भरोसे नहीं रह सकते। भगवान राम और कृष्ण एक हीं है। एक मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो दूसरा लीला पुरुषोत्तम। कश्मीर समस्या के समाधान को लेकर पीठों के शंकराचार्य और साधु-संत लगे हैं जिसका हल जल्द निकलेगा।

सरस्वती ने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल की सोच को जमीन पर उतारने से कश्मीर समस्या का हल निकलेगा। पड़ोसी मुल्क कर रहा है ¨हदुओं को विखंडित करने की साजिश -भारत के पड़ोसी मुल्क पर निशाना साधते हुए स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि वो भारत के ¨हदुओं को कई खंडों में विखंडित कर भारत के अस्तित्व को विलुप्त करना चाहता है। दूसरी ओर देश के अंतर सत्ता की लोलुपता व राजनीतिक अदूरदर्शिता के कारण देश में अराजकता की स्थिति बनी है। ऐसे में जागरूक होने की जरूरत है।

जब पड़ोसी देश हमारे ऊपर आक्रमण करता है तो हम चुस्ती का परिचय देते हैं पर आगे चलकर सुस्ती का परिचायक बन जाते हैं। जबकि पड़ोसी मुल्क हमेशा चौकन्ना रहने के साथ हमेशा हमले की तैयारी में रहता है। भारत शांति और क्रांति का पक्षधर है ऐसे में समय पर इन चीजों की जरूरत है। भारत की मेधा शक्ति बुलंद है जिसे सही दिशा देने की आवश्यकता है। मौके पर स्वामी निर्विकल्पानंद, स्वामी शुभेश्वरानंद सरस्वती, प्रो. इंदिरा झा, आयोजन समिति के विनोद कुमार राय, विवेक विकास आदि के साथ अन्य लोग मौजूद थे।

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