Move to Jagran APP

नीदरलैंड की कंपनी से खरीद मुंबई की तर्ज पर लगाए 8 करोड़ के सिग्नल, अब कहां हैं पता नहीं Patna News

नीदरलैंड की कंपनी से खरीदकर राजधानी में ट्रैफिक सिग्नल लगाए तो पर अब ये कहां हैं किसी को पता नहीं। अब टाइमर लगाने के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने की बात की जा रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 10:32 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 10:32 AM (IST)
नीदरलैंड की कंपनी से खरीद मुंबई की तर्ज पर लगाए 8 करोड़ के सिग्नल, अब कहां हैं पता नहीं Patna News
नीदरलैंड की कंपनी से खरीद मुंबई की तर्ज पर लगाए 8 करोड़ के सिग्नल, अब कहां हैं पता नहीं Patna News

पटना, जेएनएन। नीदरलैंड की कंपनी को मुंबई की तर्ज पर राजधानी में ट्रैफिक सिग्नल लगाने का काम दिया गया। लेकिन, यहां सिग्नल लगाने और उखाड़ने का खेल शुरू हो गया। शहर के 97 चौराहों पर सिग्नल लगाए गए, लेकिन कहीं ट्रैफिक दबाव नहीं होने पर सिग्नल बंद कर दिए गए तो बेली रोड पर यू-टर्न के नाम पर पांच सिग्नल उखाड़ दिए गए।

loksabha election banner

मनमाने ढंग से लगे सिग्नल को बंद करने और उखाड़ने में लाखों रुपए बर्बाद हो गए। हद तो यह है कि पहले सेंसर से सिग्नल काम करने का दावा किया गया, जो लगे नहीं। अब टाइमर लगाने के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने की बात की जा रही है। फिलहाल, दो वर्षो में करीब 19 सिग्नल बंद हो चुके है और टाइमर कुछ चौराहों पर ही लगे। कुछ सिग्नल में तकनीकी खराबी आ चुकी है, जिसकी मरम्मत कराने के लिए संबंधित कंपनी का नवीनीकरण तक नहीं किया गया।

सिग्नल के नाम पर बर्बाद कर दिए आठ करोड़ रुपये

वर्ष 2015 में बुडको ने नीरदलैंड कंपनी को 24.45 करोड़ की लागत से शहर के 97 स्थानों पर सिग्नल लगाने का काम दिया। एक सिग्नल पर करीब 25 लाख रुपये खर्च किए गए। योजना के तहत 72 स्थानों पर ऑटोमेटिक और 25 स्थानों पर फिक्स सिग्नल लाइट लगाने का काम शुरू हुआ। एक से डेढ़ साल में काम पूरा हो गया। निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी बनाए गए और 160 सीसीटीवी कैमरे भी जोड़े गए। इसकी मॉनीटरिंग और मरम्मत का काम भी एआरएस ट्रैफिक कंपनी को सौंपा गया।

शहर में अभी लोग ट्रैफिक सिग्नल के नियम का पूरी तरह फॉलो भी शुरू नहीं किए कि उखाड़ने का भी शुरू हो गया। ट्रैफिक पुलिस की मानें तो सिग्नल लगने के दो वर्ष बाद ही 14 सिग्नल को इस वजह से बंद कर दिए गए, क्योंकि वहां ट्रैफिक का दबाव नहीं था। इसके बाद बेली रोड पर यू-टर्न बनाने के दौरान पांच ट्रैफिक सिग्नल को उखाड़ कर कबाड़ में रख दिय गया। कुल 19 सिग्नल हटाए गए, इससे करीब आठ करोड़ रुपये बर्बाद कर हो गए। अब हटाए गए सिग्नल कहां हैं और कहां लगाए जाएंगे, इसकी जानकारी विभाग के जिम्मेदार अफसर से लेकर देखरेख करने वाली एजेंसी को भी नहीं है। बोरिंग रोड पर दो जगह तीन सौ मीटर के अंदर दो जगह सिग्नल लगाया गया है।

ट्रैफिक सिग्नल पर नहीं लगाए जा सके टाइमर

ट्रैफिक सिग्नल की देखरेख और कंट्रोल रूम में मॉनीटरिंग करने के लिए बुडको ने जिस कंपनी को जिम्मा दिया, उसका 30 दिसंबर 2018 से ही कांट्रैक्ट खत्म हो गया। एजेंसी के कर्मी वहीं काम करते है, जिसमें खर्च मामूली हो। देखरेख के अभाव में दस से अधिक ट्रैफिक सिग्नल खराब है। ट्रैफिक पुलिस शहर के 50 प्रमुख चौराहों पर लगे सिग्नल में टाइमर सेट करने का काम शुरू किया। अब सिर्फ डाकबंगला चौराहा, कोतवाली टी, रामनगर मोड़ सहित छह प्रमुख चौराहों पर टाइमर लग सके, जबकि अन्य चौराहों पर काम शुरू कब होगा विभाग को भी नहीं पता।

मरम्मत को लेकर आ रही समस्या

ट्रैफिक एसपी अमरकेश डी ने कहा कि 50 जगह टाइमर लगने वाला था, अभी तक छह जगह लगा है। बेली रोड यू-टर्न बनाया गया है, ऐसे में वहां सिग्नल का कोई काम नहीं। कैमरों की देखरेख करने वाली एजेंसी का कांट्रैक्ट खत्म हो गया है। इसकी वजह कुछ कैमरों की मरम्मत नहीं हो पाई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.