सीएम नीतीश ने सुमो से पूछा - घर में मिलेगी शराब तो कौन लेगा जिम्मेवारी?
बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक 2016 को विपक्ष के बहिष्कार के बीच बिहार विधानसभा द्वारा पारित किये जाने के एक दिन बाद बिहार विधान परिषद से भी ध्वनि मत से पारित हो गया।
पटना [वेब डेस्क]। बिहार विधानसभा द्वारा पारित किये जाने के एक दिन बाद बिहार विधान परिषद ने भी बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक 2016 को विपक्ष के बहिष्कार के बीच ध्वनि मत से पारित कर दिया।
बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा विधेयक को पारित कर दिये जाने के बाद इसे स्वीकृति के लिए अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा जिसके बाद बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक 2016 पुराने बिहार उत्पाद संशोधन विधेयक 2015 का स्थान ले लेगा।
बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक 2016 परिषद में तीन घंटे तक चली लंबी चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के आरोपों का सरकार की ओर से जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसमें किये गये कड़े प्रावधानों का बचाव किया।
बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक 2016 में संशोधन को लेकर राजग सदस्यों द्वारा लाये गये करीब एक दर्जन प्रस्ताव के सदन द्वारा अस्वीकृत कर दिये जाने पर सुमो सरकार का जवाब सुनने के पूर्व ही सदन से वाकआउट कर गये।
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए नीतीश ने विपक्ष के इस विधेयक के तालिबानी, डै्रकोनियन और अलोकतांत्रिक होने का कड़े शब्दों में बचाव करते हुए भाजपा की उस चिंता कि इसमें किसी घर से शराब की बोतल बरामद होने पर परिवार के सभी वयस्क सदस्यों की गिरफ्तारी का प्रावधान के बारे में कहा कि इसे गलत तौर पर पेश किया जा रहा है।
घर में मिलेगी शराब तो कौन लेगा जिम्मेवारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार के सभी वयस्क सदस्यों का मतलब पति, पत्नी और उनके आश्रित बच्चे हैं न कि दादा-दादी अथवा नाना-नानी, चाचा, चाची, भतीजा, भतीजी आदि हैं। नीतीश ने कहा कि किसी घर से शराब की बोतल बरामद होने पर किसी न किसी को उसकी जिम्मेदारी तो लेनी पड़ेगी और अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो वैसे में कार्रवाई किसके खिलाफ होगी। अगर इसका कोई दूसरा विकल्प है तो विपक्ष सुझाव दे।
ताड़ी के बारे में नीतीश ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ताड़ी के उत्पाद ‘नीरा' की व्यवस्था अगले बैसाख होने तक इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है और इस बारे में 1991 का दिशा निर्देश जारी रहेगा।
दो तरह की बातें करती है भाजपा
बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के इसाई धर्म में पवित्रता के लिए शराब के प्रयोग का उदाहरण दिये जाने पर नीतीश ने कहा कि भगवान कृष्ण ने द्वारिका में सबसे पहले शराबबंदी लागू की थी।उन्होंने कहा आप इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं और उदाहरण ईसाई धर्म का दे रहे हैं।
जारी शराब के कारखानोें का लाइसेंस होगा रद्द
सुशील मोदी के उस सुझाव कि बिहार में जारी शराब कारखानों का लाईसेंस रद्द किया जाए नीतीश ने कहा कि नये कानून के तहत इसके लिए कोई नया लाईसेंस जारी नहीं किया जाएगा और प्रदेश में इसकी बिक्री और उपभोग पर रोक होने के कारण वे स्वत: इस प्रदेश के बाहर चले जाएंगे।
आरएसएस पर साधा निशाना
नीतीश ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से शराबबंदी को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग को दोहराते हुए कहा कि भाजपा नेताओं पर शराबबंदी को लेकर विरोधाभासी बातें करने का आरोप लगाया।
सुशील मोदी की उस मांग कि बिहार सरकार संविधान के नीति निर्देशक में वर्णित शराबबंदी के लिए जिस प्रकार से कड़ा कानून बनाया है। उसी प्रकार से गौ हत्या पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनाये नीतीश ने कहा कि इसको लेकर कड़ा कानून पहले से प्रदेश में लागू है। उन्होंने सुशील मोदी के शराबबंदी के बाद अप्रैल महीने की तुलना में मई महीने में अपराध के आंकड़े बढ़ने के दावे को खारिज करने का प्रयास किया।