बिहार में महंगा हुआ डीजल-पेट्रोल तो तस्करों ने ढूंढ लिया नायाब तरीका, जानिए
बिहार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने के बाद तस्करों ने नया तरीका ईजाद कर लिया है। नेपाल से सस्ता डीजल-पेट्रोल लेकर बिहार आ रहे हैं और लाकर बिहार के बाजार में बेच रहे हैं।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। नेपाल सीमा से सटे इलाके में पेट्रोल-डीजल की जमकर तस्करी हो रही है। तस्करी की विधि भी नायाब, जिसकी जांच सीमा सुरक्षा पर तैनात सुरक्षाकर्मी नहीं करते। ऐसे में आसानी से दोपहिया या फिर चौपहिया वाहन नेपाल ले जाया जाता है और फिर पेट्रोल या डीजल भरवा कर वापस।
संगठित तस्कर गिरोह के लोग इसे यहां के बाजार में बेच देते हैं। इससे एक बार में दो से आठ सौ रुपये तक का मुनाफा। दिनभर में पांच से दस बार ये नेपाल के चक्कर लगा रहे और हो रहे मालामाल।
बगहा, बेतिया, वाल्मीकिनगर, सीतामढ़ी और रक्सौल के सीमावर्ती क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थों की तस्करी बढ़ गई है। तस्कर साइकिल से डिब्बों में पेट्रोल-डीजल भरवाकर ला रहे हैं। पहले जो तस्कर नेपाल से चाइनीज सेव, गुटखा, सिगरेट, सुपारी व शराब लाते थे, वे डीजल-पेट्रोल ला रहे हैं।
फेरी लगाने वाले प्रतिदिन एक-एक लीटर की 40 से 50 बोतल में पेट्रोल भरकर सब्जी व फल की टोकरी में नेपाल से ला रहे हैं। इससे तीन से चार सौ की कमाई हो जाती है। वहीं, नेपाल से सामान लेकर आने-जाने वाले भारत के विभिन्न राज्यों के ट्रक भी वहीं डीजल भरा रहे हैं। नेपाल में एक बार बाइक की टंकी फुल करवाने में 150 से 200 रुपये की बचत हो जा रही है।
दाम में बड़ा अंतर तस्करी का कारण
रक्सौल के भारतीय सीमा क्षेत्र में करीब 135 पेट्रोल पंप हैं। यहां प्रति लीटर पेट्रोल का मूल्य 89.21 व डीजल 79.98 रुपये है। वहीं नेपाल में भारतीय रुपये के अनुसार क्रमश: 69.37 व 61.25 रुपये है। इस तरह देखा जाए तो भारत के मुकाबले नेपाल में पेट्रोल 19.84 रुपये और डीजल 18.73 रुपये सस्ता है।
सरकार को राजस्व का हो रहा नुकसान भारतीय क्षेत्रों में स्थित पेट्रोल पंपों की बिक्री घट गई है। सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन, रक्सौल के सचिव युगल किशोर शिकारिया व अताऊर रहमान ने बताया कि बिक्री में काफी कमी हुई है। डीजल प्रतिदिन करीब 10 हजार लीटर व पेट्रोल तीन हजार बिकता था। घटकर तीन हजार व पांच सौ लीटर हो गया है।
रक्सौल अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजय कुमार झा ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र के थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे गश्त तेज करें। तेल के कारोबार से जुड़े लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करें।
कहा-एसएसबी के कमांडेंट ने
बॉर्डर पर तस्करी रोकने के लिए एसएसबी प्रतिबद्ध है। हमारे जवान 24 घंटे चौकसी कर रहे हैं। भारत-नेपाल की खुली सीमा होने के कारण कुछ समस्या आती है।
-के शंकर सिंह, कमांडेंट, एसएसबी 48वीं बटालियन, जयनगर